सफल सिंगर बनना है तो देवी स्कंदमाता की साधना करें!

सफल सिंगर बनना है तो देवी स्कंदमाता की साधना करें!

प्रेषित समय :18:58:08 PM / Fri, Jan 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई. संगीत के क्षेत्र में सफलता के लिए बुध ग्रह की विशेष भूमिका है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह के पांच प्रभाव होते हैं... अतिकारक, कारक, सम, अकारक और अतिअकारक. 
अतिकारक और कारक बुध अच्छे समय में कम प्रयास में अचानक सफलता प्रदान करता है, तो सम और अकारक बुध में पूजा-प्रयोग से कामयाबी संभव है. 

दरअसल, भाग्य को बदला नहीं जा सकता है, लेकिन पूजा-प्रयोग से भाग्य को संवारा जा सकता है.

संगीत के क्षेत्र में प्रयास के अलावा भाग्य की महत्वपूर्ण भूमिका है इसीलिए इस क्षेत्र में सफलता में बुध के कारकत्व के साथ-साथ अन्य ग्रह योग पर भी निर्भर है कि- किसी सिंगर को सफलता दिलानेवाला सबसे प्रमुख ग्रह कौनसा है? 

यदि बुध ही प्रबल कारक है, तो संगीत के क्षेत्र में विशेष प्रसिद्धि मिलेगी, यदि मंगल प्रबल कारक है तो उत्साह बढ़ाने वाले गीत संगीत से, सूर्य प्रबल कारक है तो प्रेरणा गीत-संगीत से, शुक्र प्रबल कारक है तो रोमांटिक गीतों से उस ग्रह विशेष के शुभ गोचरवश भ्रमण, शुभ महादशा-अंतरदशा आदि के दौरान सफलता और प्रसिद्धि मिलती है. 

इसके ठीक विपरित अकारक, मारकेश ग्रहों के गोचरवश भ्रमण, महादशा-अंतरदशा के दौरान गीत-संगीत का पूरा खजाना ही अच्छे समय के इंतजार में पड़ा रहता है.
पूजा-प्रयोग शुभाशुभ समय में शुभत्व बढ़ाने और अशुभ से सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं. पूजा के परिणाम हर समय शुभ रहते हैं लेकिन धीरे-धीरे प्रभाव दिखाते हैं और प्रयोगों के त्वरित नतीजे मिल सकते हैं किन्तु परिणाम उल्टे भी हो सकते हैं, इसलिए अपना भाग्य संवारने के लिए पूजा मार्ग उत्तम है, अनावश्यक प्रयोग नहीं करें तो बेहतर है.

जिन्हें अक्सर शिकायत रहती है कि उनके काम को पर्याप्त महत्व नहीं मिलता है और उन्हें संगीत के क्षेत्र में कामयाबी चाहिए तो नियमितरूप से बुध की देवी स्कंदमाता  की पूजा-अर्चना करें, यदि नियमितरूप से संभव नहीं हो तो हर शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करें. 

देवी दुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कंदमाता है. देवी स्कंदमाता, सिंह पर सवार हैं और माता की चार भुजाएं हैं. माता अपने दोनों हाथों में कमल का फूल धारण करती हैं और एक हाथ सें भगवान कार्तिकेय को अपनी गोद में लिये बैठी हैं जबकि माता का चौथा हाथ श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करता है.

देवी स्कंदमाता की पूजा-अर्चना से बुध ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है इसलिए कला-संगीत के क्षेत्र में सफलता के लिए श्रद्धालुओं को देवी स्कंदमाता की आराधना करनी चाहिए. देवी की इस मंत्र से पूजा-अर्चना करें... ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः!
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-