वर्ष 2025 मंगल द्वारा शासित अंक - 9 (2+0+2+5=9) का वर्ष है जो तीव्र क्रिया, परिवर्तन का वर्ष है. हमारी पृथ्वी जैसे-जैसे सूर्य के चारों ओर मंगल ग्रह के साथ आगे बढ़ रही है मंगल ग्रह की ऊर्जा का पृथ्वी पर प्रभाव और अधिक बढ़ता जा रहा है.
प्राकृतिक आपदा और मंगल ग्रह का प्रभाव :
लॉस एंजिल्स के जंगलों में 07 जनवरी, 2025 मंगलवार की शाम को अब तक की सबसे भयानक आग भड़क उठी.
यह आग अब तक लगभग 11700 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तेजी से फैल रही है, जिससे अभी तक 10,000 से अधिक घर जल चुके हैं. श्रीमती कमला हैरिस का घर भी इस आग से जल चुका है. इसके अतिरिक्त एवं तीन लाख से अधिक लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है.
07 जनवरी,2025 की रात को सैन फर्नांडो में एक और बड़ी
आग भड़क उठी.
मंगल ग्रह की खगोलीय स्थिति :
वर्तमान में मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक से गोचर कर रहा है. मंगल ग्रह के इस नाटकीय परिवर्तन के कारण ही खगोल वैज्ञानिकों ने इसका नाम युद्ध के देवता के नाम पर "मंगल" रखा था क्योंकि कभी-कभी युद्ध का देवता पृथ्वी से नजदीक गोचर करते हुए भयंकर प्रभाव डालता है.
यद्यपि मंगल ग्रह बहुत बड़ा नहीं है. मंगल ग्रह का व्यास केवल 6,790 किमी है, जो इसे पृथ्वी के आकार के आधे से थोड़ा ही ज़्यादा बनाता है (12,750 किमी व्यास). दूसरी ओर, हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का व्यास 1,40,000 किमी है जो मंगल ग्रह के आकार के 20 गुना से अधिक हैं.
सौरमंडल में सूर्य 14 जनवरी, 2025 दिन मंगलवार को प्रातः मकर राशि में प्रवेश करेगा जिसे हम "मकर संक्रांति" के पर्व के रूप में मनाते हैं. इस दिन मंगल ग्रह कर्क राशि में नीच की स्थिति में वक्री होकर गोचर कर रहे होंगे.
इसी के साथ 15-16 जनवरी, 2025 को पृथ्वी मंगल ग्रह और सूर्य के बीच से गुजरेगी. मंगल ग्रह की कक्षा की ज्यामिति ऐसी है कि यह पृथ्वी के करीब रहने की तुलना में पृथ्वी से अधिक दूरी पर अधिक समय बिताता है.
मकर संक्रांति से 144 वर्ष के उपरांत उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रारंभ होने वाले महाकुंभ के समय भी अत्यधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है क्योंकि यह अनुमान है कि इस महाकुंभ के शुभ अवसर पर विश्व के विभिन्न देशों एवं भारतवर्ष से लगभग 45 करोड़ लोग भाग लेंगे.