Indore: लिवर ट्रांसप्लांट के लिए जमा 33 लाख रुपये, डिजिटल अरेस्ट गैंग ने ठगे, साइबर हेल्पलाइन ने बचाए 26 लाख

लिवर ट्रांसप्लांट के लिए जमा 33 लाख रुपये, डिजिटल अरेस्ट गैंग ने ठगे

प्रेषित समय :17:10:42 PM / Wed, Mar 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में सेवानिवृत्त शिक्षक ने लिवर ट्रांसप्लांट कराने के लिए जो जमा पूंजी एकत्र की थी, उसे साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर ठग लिया. उन्हें मनी लांड्रिंग, ड्रग्स सप्लाई में लिप्त होने होने का आरोप लगाते हुए पूछताछ करने का झांसा दिया. साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करने पर अपराध शाखा ने 49 खातों को फ्रीज कर बुजुर्ग के 26 लाख 45 हजार रुपये बचा लिए.

एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया ने बताया कि घटना कनाडिय़ा रोड निवासी रवींद्र बापट के साथ हुई. 63 वर्षीय बापट के पास पिछले वर्ष नौ सितंबर को साइबर ठग का कॉल आया था. उसने फेड-एक्स कोरियर का अधिकारी बताते हुए कहा कि दिल्ली से मलेशिया भेजा पार्सल कस्टम विभाग ने दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक लिया है.  उसमें 36 फर्जी पासपोर्ट, 140 एमडी ड्रग्स सहित अन्य सामान मिला है. ठग ने बातों में उलझाया और कहा कि इसकी दिल्ली साइबर क्राइम को शिकायत करनी चाहिए. उसने लाइन ट्रांसफर भी कर दी. बात करने वाले दूसरे व्यक्ति ने दिल्ली साइबर क्राइम का अधिकारी बताया और कहा कि बयान के लिए दिल्ली आना पड़ेगा. वृद्ध द्वारा इन्कार करने पर वीडियो कॉल पर ही जानकारी लेने की अनुमति दे दी.

आधार कार्ड से बैंक खाते लिंक बताकर धमकाया आरोपित ने रवींद्र से आधार कार्ड मांगा और कहा कि इसका सत्यापन करना पड़ेगा. कुछ देर जांच का बहाना कर कहा कि इससे तो कई बैंक खाते लिंक हैं. उनमें अवैध तरीके से करोड़ों रुपयों का लेन देन (मनी लॉड्रिंग) हुआ है. आरोपितों ने कानूनी कार्रवाई का डर बताया और कहा कि कभी-कभी अपराधी दस्तावेजों का दुरुपयोग कर लेते हैं. गिरफ्तारी से बचाने के लिए आपसे वीडियो कॉल पर ही पूछताछ होगी. इस दौरान आप किसी से बात नहीं करेंगे. कार्रवाई के बारे में किसी को कुछ नहीं बता सकते हैं.

दो घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा

आरोपितों ने दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और बैंक में जमा राशि का विवरण पूछा. गिरोह के एक अन्य सदस्य ने आरबीआई अफसर बनकर बात की और कहा कि खाते में जमा राशि ट्रांसफर करनी पड़ेगी. बापट झांसे में आ गए और 33 लाख रुपये ट्रांसफर करवा दिए. कुछ समय बाद फोन कट गया और ठग ने बातचीत बंद कर दी. शक होने पर नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई गई.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-