MP: जबलपुर के पूरन चौधरी की किडनी से SEONI के सुदामाा-INDORE की आस्था को मिली नई जिदंगी, डाक्टर बोले ट्रांसप्लांट सफल रहा

MP: जबलपुर के पूरन चौधरी की किडनी से SEONI के सुदामाा-INDORE की आस्था को मिली नई जिदंगी

प्रेषित समय :15:29:40 PM / Sun, Mar 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में शिल्पी नगर भेड़ाघाट में रहने वाले पूरन चौधरी की किडनी से सिवनी के सुदामा व इंदौर की आस्था को नई जिदंगी मिल गई है. डाक्टरों ने किडनी का सफल ट्रांसप्लांट कर नव जीवन दिया है. दोनों को किडनी पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया था. पूरन पांच मार्च को काम के दौरान एक ऊंची दीवार से गिर गया था, जिससे गंभीर चोटे आई थी. पूरन को परिजनों ने मेडिकल अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां पर बे्रन डेड हो गया.

बताया गया है कि शिल्पी नगर भेड़ाघाट निवासी पूरन चौधरी जो पेशे से मजदूर रहे. पांच मार्च को काम के दौरान पूरन ऊंची दीवार से गिर गए, जिससे उनके शरीर पर गंभीर चोटें आई. परिजनों ने तत्काल मेडिकल अस्पताल पहुंचाया. जहां पर डाक्टरों ने उन्हे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने उनके अंगदान का फैसला किया. डाक्टरों ने जांच के बाद कहा कि इनकी दोनों किडनियां किसी जरुरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जा सकती है. इस बीच खबर मिली कि सिवनी जिले की 50 वर्षीय सुदामा बाई की दोनों किडनियां 2022 में खराब हो गई थीं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण परिवार उनकी डायलिसिस करवा रहा था.

सप्ताह में दो बार 80 किलोमीटर का सफर तय कर वे जबलपुर के मेट्रो अस्पताल में इलाज के लिए आती थीं. गुरुवार को मेडिकल कॉलेज से पूरन चौधरी की किडनी उनके लिए उपलब्ध कराई गई. डॉक्टरों की टीम ने जांच कीए जिसमें सुदामा बाई की किडनी से मेल खाने की पुष्टि हुई. फिर मेडिकल कॉलेज की टीम को पता चला कि इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती 44 वर्षीय मनीषा आथिया को भी किडनी की जरूरत है. दो दिन पहले जबलपुर में दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए. एक मेडिकल कॉलेज से डुमना एयरपोर्ट व दूसरा दमोह नाका स्थित मेट्रो अस्पताल तक. एयर एम्बुलेंस के जरिए पूरन की दूसरी किडनी इंदौर भेजी गई, जहां सफल ट्रांसप्लांट किया गया.

डाक्अरों का कहना है कि सात मार्च को दोपहर 11 बजे मेट्रो अस्पताल में डॉक्टर विशाल बड़ेरा व उनकी टीम ने ऑपरेशन शुरू किया. तीन घंटे चले इस ऑपरेशन में सुदामा बाई को नई किडनी ट्रांसप्लांट की गई. डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के बाद उनकी किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है. अब उन्हें डायलिसिस की जरूरत नहीं होगी और वे सामान्य जीवन जी सकेंगी.  जबलपुर से इंदौर भेजी गई दूसरी किडनी का बॉम्बे अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया. डॉ अमित जोशी व उनकी टीम ने ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया. इस संबंध में मेडिकल कालेज के डीन नवनीत सक्सेना का कहना है कि अंगदान को लेकर लोगों में जागरुकताा आई है. अब लोग आगे बढ़कर अंगदान की इच्छा व्यक्त करते है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-