पलपल संवाददाता, जबलपुर। एमपी के जबलपुर स्थित चार खम्बा हनुमानताल में 1500 वर्ष पहले बूढ़ी खेरमाई (मां धूमावती) के एक छोटे से मंदिर की स्थापना की गई थी। करीब साढ़े 3 एकड़ मे फैली इस मंदिर की जमीन अब सिमट कर रह गई है। यहां पर जबलपुर ही नही बल्कि आसपास के जिलों से कभी बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते थे। लेकिन अब एक विशेष समुदाय के लोगों ने मंदिर को चारों तरफ से घेरते हुए जमीन पर अतिक्रमण कर लिए है।
आज हिन्दू संगठनों के साथ साथ अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट का घेराव करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि मंदिर के आसपास की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए कॉरिडोर बनाया जाए। इसके साथ ही दमोह नाका को मुख्य मार्ग से जोडऩे की मांग रखी है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि सरकार व प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। मंदिर के पुजारी महंत आशीष दास का कहना है कि मां बूढ़ी खेरमाई के आसपास एक समय 50 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हुआ करते थे, जो धीरे-धीरे गायब हो गए हैं। इतना ही नहीं मंदिर जाने के लिए रास्ता भी लगभग बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। इसके चलते माता के मंदिर तक पहुंचने में भक्तों को खासा परेशान होना पड़ता है। उनका यह भी कहना है कि मंदिर के पास साढ़े तीन एकड़ से अधिक की जमीन थी। आज वहां पर अवैध रूप से कब्जा हो गया है। एक धर्म विशेष को लोगों ने मंदिर की जमीन पर कब्जा करते हुए निवास बना लिया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि मंदिर के आसपास रहने वाले लोग पलायन करने लगे हैं। मंदिर में पूजा-पाठ तक नहीं हो पा रहा। लिहाजा जिला प्रशासन से मांग की गई है कि मां बूढ़ी खेरमाई की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए और कॉरिडोर बनाकर मंदिर की पूरी जमीन वापस मंदिर को दी जाए। एसडीएम ऋ षभ जैन ने हिंदू संगठन से ज्ञापन लेते हुए कहा कि निश्चित रूप से जो भी मांग की गई है। उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री व कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि मंदिर से दमोह नाका तक कॉरिडोर और जमीन की नए सिरे से नपती करने की मांग की गई है।
एमपी : जबलपुर में 1500 वर्ष प्राचीन बूढ़ी खेरमाई मंदिर का अस्तित्व खतरे में, हिन्दू संगठनों ने ज्ञापन सौंपते हुए की कॉरिडोर बनाने की मांग
प्रेषित समय :19:38:15 PM / Tue, Apr 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर





