हाईकोर्ट ने कहा, डॉक्टरों से बंधुआ मजदूर की तरह काम नहीं कराया जा सकता है, सरकार ने राज्य सरकार से छात्रों के दस्तावेज लौटाने कहा

हाईकोर्ट ने कहा, डॉक्टरों से बंधुआ मजदूर की तरह काम नहीं कराया जा सकता है, सरकार ने राज्य सरकार से छात्रों के दस्तावेज लौटाने कहा

प्रेषित समय :14:40:27 PM / Thu, May 8th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर


पलपल संवाददाता, जबलपुर। एमपी हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बीच कहा कि डॉक्टरों से बंधुआ मजदूर की तरह काम नहीं कराया जा सकता। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि मेडिकल छात्रों के सभी दस्तावेज तुरंत वापस किए जाएं।

 मेडिकल छात्रों ने ग्रामीण क्षेत्रों में 5 साल सेवा देने की अनिवार्यता को चुनौती दी थी। इस मामले में हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। चिरायु मेडिकल कॉलेज, भोपाल से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुके डॉक्टर वैभव दुबे, पुष्पेंद्र सिंह व पुलकित शर्मा की ओर से सीनियर एडवोकेट आदित्य संघी ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि इन छात्रों से 5 साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का बॉन्ड भरवाया गया था। जिसमें यह शर्त थी कि सेवा न देने पर 50 लाख रुपए की राशि जमा करना होगी। सीनियर एडवोकेट ने दलील दी कि इस तरह का बंधन अनुचित है। यह मामला लोकसभा में भी उठ चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देना एक व्यवस्था का विषय हो सकता है। लेकिन किसी पर जबरन यह थोपना उचित नहीं है। इसके साथ ही 50 लाख रुपए की गारंटी राशि की शर्त भी छात्रों पर अनुचित दबाव डालती है। कोर्ट ने इन दलीलों पर विचार करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि छात्रों के जमा दस्तावेज तुरंत लौटाए जाएं ताकि उनका भविष्य प्रभावित न हो।
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-