पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश सरकार ने फैटी लीवर की जांच के लिए नई पहल शुरु की है. जिसके चलते पूरे प्रदेश में लीवर की जांच के लिए एक जून से अभियान शुरु होगा, जिसमें नान-अल्कोहलिक फैटी लीवर की जांच होगी. यह देश का पहला राज्य है जहां पर इस तरह का अभियान शुरु किया जाएगा.
इस अभियान का उद्देश्य है कि लोगों में बढ़ती बीमारी व मोटापा की समस्या है. स्वास्थ्य विभाग की माने तो मोटापे के कारण लोगों के बीच कई बीमारियां बढ़ रही है, जिसकी शुरुआत फैटी लिवर से होती है. बाद में फिर यहीं बीमारी से कलेस्ट्रोल बढ़ता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है. पूरे प्रदेश में चलने वाले फैटी लीवर अभियान के लिए डॉक्टर से लेकर आशा कार्यकर्ता तक को ट्रेनिंग दी जा रही है. फैटी लिवर रोग के कई कारण हो सकते हैं. इसमें मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च ट्राईग्लिसराइड, कुछ दवाएं, विषाक्त पदार्थों के संपर्क में हो सकता है. फैटी लिवर के लक्षण थकान, पेट में दर्द या बेचैनी, पीलिया, सूजन होती है. जिसकी जांच बल्ड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है.
स्वास्थ्य अधिकारियों की माने तो मध्य प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के द इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंस के साथ एक एमओयू किया है. जिसके तहत नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर पर चिंता जाहिर की गई है. जिसके चलते मध्य प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है, जिससे फैटी लिवर की पहचान की जाएगी. इस तरह का अभियान चलाने वाला एमपी देश का पहला राज्य है. जहां यह अभियान 1 जून से शुरू किया जा रहा है. नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर टेस्ट का मतलब है कि यकृत में वसा जमा होने का टेस्ट करना, जो शराब के सेवन के कारण नहीं है, इसे खासतौर पर डायबिटीज पेशेंट वाले लोगों में देखा जाता है.
डाक्टरों के अनुसार फैटी लीवर बीमारी का घर है. सामान्य व्यक्ति का लिवर पर 5 प्रतिशत तक फैट होता है, जिसे सामान्य स्थिति माना जाता है. लेकिन यदि इसी लिवर पर चर्बी का जमाव 10 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए तो इसे फैटी कहा जाएगा. यदि यकृत यानि लिवर पर 10 प्रतिशम से ज्यादा फैट का जमा होता है तो यह फैट लिवर की कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है, जिसके चलते लीवर सही काम नहीं कर पाता है. लिवर शरीर की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि होती है जो कि शरीर में 56 प्रकार के कामों को करती है. फैटी लीवर की जांच का कार्य एक जून से मध्यप्रदेश में शुरु होगा, जिसके चलते 30 साल से ज्यादा के सभी महिला व पुरुषों की कमर नापी जाएगी. स्त्री की कमर 80 सेंटीमीटर से ज्यादा व पुरुष की कमर 90 सेंटीमीटर से ज्यादा है, तो ऐसे लोगों को स्कैन किया जाएगा. जांच की सुविधा सभी जिलों के सरकारी जिला अस्पताल में की जाएगी, जिसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है.
जांच के लिए लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें समझाया जाएगा कि आपका लिवर फैटी हो चुका है जिसका कि तुरंत इलाज करवाना होगाए इसके साथ ही दिनचर्या भी बदलना होगा. 1 जून से शुरू हो रहे इस नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर के कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रोग्राम बनाया है. जिसके चलते प्रदेश के डॉक्टरों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है. अब इस ट्रेनिंग को स्वास्थ्य विभाग की सबसे अंतिम कड़ी तक पहुंचाना है. ताकि समाज के हर आदमी की जांच की जा सके, अभियान के लिए आशा कार्यकर्ताओं की भी ट्रेनिंग कराई जा रही है. जहां-जहां 30 साल से ऊपर के लोग रहते है, वहां पर टीम उनके घर जाकर जांच करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




