नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं पुन: निर्धारित करने के लिए गठित परिसीमन आयोग को अपना कार्य पूरा करने के लिए एक साल का विस्तार दिया गया है. बुधवार देर रात केंद्र सरकार की एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई.
पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर और चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं फिर से तय करने के लिए इस आयोग का गठन किया गया था. सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाले आयोग में 15 सांसदों को भी नामित किया गया था.
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू तथा जितेंद्र सिंह भी इसके सदस्य हैं. चुनाव आयुक्त और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों के राज्य चुनाव आयुक्तों को भी आयोग में पदेन सदस्य शामिल किया गया था, लेकिन अब चुनाव आयुक्त के अलावा जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त ही इसके पदेन सदस्य होंगे.
गौरतलब है कि संसद में अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित किया गया था और जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर इसके पुनर्गठन की घोषणा की गई. इसके बाद यह केंद्र शासित प्रदेश अक्टूबर, 2019 में अस्तित्व में आया. जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में विधानसभा नहीं है. आयोग के कायज़्काल को एक वर्ष का सेवा विस्तार देना इस बात का संकेत है कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने जैश के दो आतंकियों को किया ढेर, इंटरनेट सेवा पर रोक
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