एमपी: शिवराज कैबिनेट का फैसला, 6876 अवैध कॉलोनियां होंगी वैध, कार्रवाई सिर्फ कॉलोनाइजर पर होगी

एमपी: शिवराज कैबिनेट का फैसला, 6876 अवैध कॉलोनियां होंगी वैध, कार्रवाई सिर्फ कॉलोनाइजर पर होगी

प्रेषित समय :20:36:26 PM / Wed, Mar 24th, 2021

भोपाल. मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला किया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्तावित बिल को मंजूरी दे दी गई. नियमितीकरण का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोग के अवैध मकान प्रक्रिया के तहत वैध हो जाने से उन्हें बैंक लोन की पात्रता मिल जाएगी.

कॉलोनी में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने लगेगी. यह भी तय किया है कि जिन मकानों में नक्शे से अधिक निर्माण किया है, उसमें 20 फीसदी अधिक निर्माण की कंपाउंडिंग यानी समझौता शुल्क लेकर सेटल किया जाएगा. इससे अधिक निर्माण को तोड़ा जाएगा.

सरकार अब विधयेक को अध्यादेश के माध्यम से लागू करेगी. इसके बाद नियम बनाए जाएंगे, जिसमें अवैध कॉलोनी की कट ऑफ डेट, नियमित योग्य कॉलोनी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए कॉलोनाइजर और रहवासियों से कितनी राशि ली जाएगी.

कैबिनेट में हुए निर्णय के बारे में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया, बिना अनुमति निर्माण करने पर कॉलोनाइजर अथवा बिल्डर के खिलाफ 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना होगा. ऐसे प्रावधान नियमों में किए जाएंगे.

बता दें, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में बजट सत्र के दौरान घोषणा की थी, अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक 2021 प्रदेश में लागू किया जाएगा, लेकिन कोरोना के चलते बजट सत्र 10 दिन पहले स्थगित होने के कारण सरकार इसे पेश नहीं कर पाई थी.

दरअसल, अवैध कॉलोनियों को वैध करने में कई अड़चने हैं, इसलिए नगरीय प्रशासन ने पेंडिंग नियमों को मोडिफाई कर नए एक्ट के ड्राफ्ट को मंत्रालय भेजा था. इससे पहले भी नियमों में परिवर्तन कर राज्य सरकार ने कुछ कॉलोनियों को वैध करार दिया था, लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी.

प्रदेश में करीब 6876 अवैध कॉलोनियां हैं. ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल और इंदौर में ऐसी कॉलोनियां सबसे ज्यादा हैं. शिवराज सरकार अगर निकाय चुनाव से पहले इन्हें नियमित कर देती है, तो यह बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी घोषणा की थी, लेकिन सत्ता में वापस नहीं लौट पाए थे. कांग्रेस की सरकार में यह ठंडे बस्ते में चला गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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