नजरिया. दिल्ली की सीमा पर चल रहा किसान आंदोलन अब अन्य राज्यों में भी पहुंच रहा है, लेकिन सबसे दिलचस्प है, इस आंदोलन की गुजरात में एंट्री.
यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि गुजरात पीएम मोदी का गृहराज्य है और वहां किसान आंदोलन को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला का लगातार समर्थन मिल रहा है. खबरें हैं कि किसान नेता राकेश टिकैत की गुजरात यात्रा को कामयाब बनाने के लिए उनके द्वारा बैठकें भी की जा रही हैं.
याद रहे, केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन किया जा रहा है और इस आंदोलन के प्रमुख नेता राकेश टिकैत 4 और 5 अप्रैल 2021 को गुजरात दौरे पर आ रहे हैं.
राकेश टिकैत 4 अप्रैल 2021 को राजस्थान से अंबाजी, गुजरात आएंगे, दोपहर में पालनपुर में किसानों से मिलेंगे और शाम को ऊंझा उमियाधाम मंदिर जाएंगे, तो गांधीनगर में रात बिताएंगे. वे 5 अप्रैल 2021 को सुबह साबरमती गांधी आश्रम का दौरा करेंगे, तो करमसाद में सरदार पटेल के आवास पर जाएंगे. इसके बाद वडोदरा गुरुद्वारा जाएंगे और दोपहर में बारडोली में किसानों से मिलने के बाद सूरत जाएंगे.
शंकरसिंह वाघेला का कहना है कि केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन गुजरात में भी शुरू होने जा रहा है. यदि गुजरात सरकार उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने और किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश करेगी, तो उचित जवाब दिया जाएगा.
कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन का असर यदि गुजरात में नजर आया, तो यकीनन यह पीएम मोदी के लिए खतरे की घंटी होगी!
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-संयुक्त किसान मोर्चा के साथ गुजरात में तारीख 4 और 5 को होने वाले कार्यक्रमों का ब्यौरा #GujaratWithFarmers @RakeshTikaitBKU @OfficialBKU pic.twitter.com/6wYeCsjDGA
— Shankersinh Vaghela (@ShankersinhBapu) March 30, 2021
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