WC RAILWAY में थिकवेब स्वीच से 160 KMPH होगी स्पीड, संरक्षा और गति में भी होगा इजाफा 

WC RAILWAY में थिकवेब स्वीच से 160 KMPH होगी स्पीड, संरक्षा और गति में भी होगा इजाफा

प्रेषित समय :20:07:05 PM / Mon, Apr 5th, 2021

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे ने अब रेल लाईनों में सामान्य प्वाईन्ट की जगह थिकवेब स्वीच लगाना शुरू कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड ने गत बीते वर्ष में पश्चिम मध्य रेल को 150 थिकवेब स्वीच लगाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन पश्चिम मध्य रेल ने तीव्रगति से कार्य करते हुए गत बीते वर्ष (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) तक लक्ष्य से लगभग ढेड़ गुणा 220 थिकवेब स्वीच रेल लाईनों में लगाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया. इस थिकवेब स्वीच के कारण ट्रेनों की गति को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक बढ़ाया जा सकेग. साथ ही संरक्षा भी पूरी तरह पुख्ता होगी.

थिकवेब स्वीच लगाने का कार्य अधिकतर मुख्य रेल लाईनों पर किया गया. तीनों मंडलों (जबलपुर, कोटा व भोपाल) में यह कार्य स्वीकृत है एवं मुख्य गु्रप ए मार्गों पर प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को किया जा रहा है. भविष्य में गति एवं संरक्षा की द्वष्टि से महत्वपूर्ण सिद्ध होगा. पमरे द्वारा इस कार्य को तीव्र गति से किया जा रहा है, जिससे गाडिय़ों की गति को अधिक बढ़ाया जा सके. पश्चिम मध्य रेल में अभी तक मेल/एक्सप्रेस गाडिय़ों की अधिकतम गति 130/110 कि.मी. प्रति घंटा की गति से अनुमत थी. जिसे अब बढ़ाकर 160 कि.मी. प्रति घंटे की गति से चलाने पर विचार एवं कार्य किया जाएगा. इस स्वीच को लगाने में लगभग ढाई से तीन घंटे का ब्लॉक की आवश्यकता के साथ 30 से 40 कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है. इसी के साथ-साथ इसमें इस्तेमाल होनेवाली प्वाईन्ट मशीन भी काफी सृदृढ़ है. यह कार्य रेलवे के इंजीनियरिंग, दूरसंचार एवं संकेत, परिचालन और विद्युत विभाग के सामूहिक प्रयासों से किया जा रहा है.

थिकवेब स्वीच की यह है खासियत

- ट्रेनों की गति 130 कि.मी. प्रति घंटे से बढ़ाकर 160 कि.मी. प्रति घंटे की जा सकती है.
- लॉंगहाल मालगाड़ी जैसी भारी गाडिय़ों के भार को सहने की अदभुत क्षमता.
- सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिकवेब स्वीच की विश्वसनीयता बहुत अधिक है.
- संरक्षा की दृष्टि से सामान्य स्विच की तुलना में अधिक सुरक्षित है.
- लगभग 3 गुणा महंगा होने के बाबजूत नई रेल लाइनों में लगाया जा रहा है, जो
- सुरक्षा की द्वष्टि से महत्वपूर्ण है. सामान्य स्विच की तुलना में थिकवेब स्वीच का जीवन 3 गुना अधिक होता है, साथ ही साथ इसका रखरखाव बहुत ही कम करना पड़ता है.
- अभी हाल में डाली गई बीना-भोपाल तीसरी लाईन में इसी स्विच को लगाया गया है तथा भोपाल से इटारसी डाली जा रही तीसरी लाईन में इसी थिकवेब स्वीच का प्रयोग किया जा रहा है.
- यात्रियों को आरामदायक यात्रा में और होगी बढ़ोत्तरी क्योंकि ट्रेनों के प्वाईन्ट बदलने के समय नहीं लगेगा झटका.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

रेलवे को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग से झटका, ट्रेन में बुजुर्ग दंपती को लोअर बर्थ नहीं देने पर देना होगा तीन लाख हर्जाना

ट्रेनों के परिचालन में पूर्वोत्तर रेलवे ने शामिल किया WAP-7 इलेक्ट्रिक इंजन

बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण पश्चिम मध्य रेलवे में टला मेमू ट्रेनों का संचालन

रेलवे ने स्टाफ के तबादलों पर 30 जून तक लगाई रोक, यह कारण

रेलवे आज से बंद करने जा रहा इन 16 स्पेशल ट्रेनों का संचालन, यह है कारण

रेलवे का निर्णय, अब यात्री रात में चार्ज नहीं कर सकेंगे अपना मोबाइल या लैपटॉप, यह है कारण

पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में ट्रेड अप्रेंटिस के लिए आवेदन आमंत्रित

रेलवे ने पमरे से गुजरने वाली फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की अवधि में किया विस्तार

पमरे का रेलवे इंजीनियर 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप, एसीबी ने रुपये जब्त करने पेंट उतरवाया, डबलूसीआरएमएस का है पदाधिकारी

Leave a Reply