नजरिया. इस वक्त देश में अजीब सियासी मानसिकता है. कोरोना संक्रमण के कारण पढ़ाई रोकी जा रही है, परीक्षाएं रोकी जा रही है, कामधंधे रोके जा रहे हैं, लेकिन चुनाव जारी हैं, चुनाव प्रचार जारी हैं, इसीलिए बड़ा सवाल यही है कि देश में चुनाव ज्यादा जरूरी हैं या जनता की कोरोना से सुरक्षा?
खबर है कि गुजरात में कोरोना के कहर के मद्देनजर गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर चुनाव रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.
उन्होंने ट्वीट किया है- गुजरात में कोरोना संक्रमण बेकाबू है और अव्यवस्था का माहौल है फिर भी सरकार और सीईओ गुजरात गांधीनगर महानगरपालिका चुनाव करने की जिद पर हैं, अभी चुनाव नही, गांधीनगर की जनता की जान की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है, उस हेतु से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की अपील की है.
इससे पहले भी उनका कहना था कि गुजरात में कोरोना संक्रमण की स्थिति बेकाबू और बेहद चिंताजनक है. गुजरात की विजय रूपाणी सरकार परिस्थिति संभालने में विफल है. चुनाव के कारण संक्रमण बढ़े और लोगो की जान जोखिम मे आये, गुजरात कांग्रेस उसके खिलाफ है
हमने सीईओ गुजरात से मांग की है की हालात में सुधार न हो, तब तक चुनाव स्थगित किये जाएं.
सियासी सयानों का मानना है कि आपदा में अवसर तलाशने वालों से चुनाव स्थगित करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
https://twitter.com/AmitChavdaINC/status/1380532571042275334
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात मे कोरोना संक्रमण बेकाबू है और अव्यवस्था का माहौल है फिरभी सरकार और @CEOGujarat गांधीनगर महानगरपालिका चुनाव करने की जिद्द पे है
— Amit Chavda (@AmitChavdaINC) April 9, 2021
अभी चुनाव नही,गांधीनगर की जनता की जान की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है उस हेतु से हाईकोर्ट के सन्माननीय चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की अपील pic.twitter.com/nzQEMxMsRD
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