जबलपुर में नकली इंजेक्शन मामले में नाम आते ही सिटी अस्पताल का संचालक अस्पताल में भर्ती हुआ, नर्मदा में फेंके गए नकली रेमडेसिविर

जबलपुर में नकली इंजेक्शन मामले में नाम आते ही सिटी अस्पताल का संचालक अस्पताल में भर्ती हुआ, नर्मदा में फेंके गए नकली रेमडेसिविर

प्रेषित समय :18:51:21 PM / Sun, May 9th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्टरी का खुलासा होने के बाद उसके तार जबलपुर से जुड़ गए है, यहां तक कि गुजरात पुलिस ने दवा कारोबारी सपन जैन को हिरासत में ले लिया है, वहीं इंदौर पुलिस ने भी एक युवक को हिरासत में लिया है. खबर है कि मामले का खुलासा होने के बाद ही सपन जैन ने भारी मात्रा में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन नर्मदा नदी में फेंक दिए थे, दवा सप्लायर द्वारा मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा का नाम लिया है, मोखा ने ही उसे गुजरात से नकली इंजेक्शन बेचने वाली फर्म का नम्बर दिया और उसी ने इंजेक्शन खरीदे रहे, अपना नाम सामने आने के बाद मोखा अस्पताल में भरती हो गया है, जिन्होने कहा है कि यह उनके खिलाफ एक साजिश के तहत नाम लिया गया है.

बताया जाता है कि सपन जैन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने भगवती फार्मा सहित तीन दवा दुकानों को सील कर दिया है, इसके बाद जैसे ही सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा का नाम सामने आया तो वे हार्ट अटैक की बात कहते हुए अस्पताल में भरती हो गए है, गौरतलब है कि सरबजीत सिंह मोखा अपने कारनामों को लेकर पिछले लम्बे समय से चर्चाओं में है, चाहे वह आगा चौक स्थित अमृत हाईट्स का मामला हो या अब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का, उन्होने अपने रसूख के बल पर कई कारनामों को अंजाम दिया है. मोखा का नाम तो उस वक्त सामने आया है जब गुजरात पुलिस ने जबलपुर से दवा कारोबारी सत्यम जैन को हिरासत में ले लिया, इसके बाद जबलपुर पुलिस व जिला प्रशासन की टीम हरकत में आई और अधारताल में सपन के चाचा सत्येन्द्र जैन की दवा दुकान पर छापा मारा, जहां से चार रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद किए गए, जिसपर सत्येन्द्र जैन ने बिल पेश करते हुए कहा कि इंजेक्शन अपने रिश्तेदार को लगवाने के लिए मंगवाए थे, उन्हे नही लगे तो बेचने के लिए रख लिए थे. सत्येन्द्र जैन से पूछताछ में ही सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम सामने आया है, सत्येन्द्र जैन ने पुलिस को बातया कि नकली इंजेक्शन के मामले में गिरफ्तार सपन जैन को गुजरात की उस फर्म का पता सरबजीतसिंह मोखा ने ही दिया था, सपन की सिविक सेंटर में भगवती फार्मा के नाम से दवा सप्लाई की दुकान है, फर्म ने सिटी अस्पताल को 70 लाख रुपए की दवाएं सप्लाई की थी, जिसके भुगतान के एवज में मोखा ने सपन को गुजरात की नकली इंजेक्शन बनाने वाली फर्म का नंबर मुहैया कराते हुए वहां से इंजेक्शन सप्लाई करने का झांसा दिया था. उसने प्रति इंजेक्शन एक हजार रुपए की दर से खरीदने की बात कही थी. सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा नाम सामने आने के बाद ही बीमार पड़ गए है, डाक्टरों का कहना है कि उन्हे हार्ट अटैक आया है, अब यह तो मोखा ही जाने या फिर डाक्टर कि क्या तकलीफ हुई है, या फिर पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिए सारा नाटक रचा है. हालांकि इस मामले को लेकर लीपापोती किए जाने की खबर भी जोरों पर है.

हालांकि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा ने अपना पक्ष भी रखा है, उनका कहना है कि सपन जैन दवा सप्लायर है, जो शहर के कई अस्पतालों में दवा की सप्लाई करता है, लेकिन उससे इंजेक्शन नहीं खरीदे है, रेमडेसिविर इंजेक्शन शासन या फिर जिस कंपनी में एकाउंट है वहां से मिलते है. खबर है कि पुलिस की एक टीम इंदौर भी भेजी गई है, वहां पर भी इसी तरह के मामले जबलपुर का एक युवक गिरफ्तार हुआ है, इधर पुलिस अधिकारी अभी भी कुछ कहने से बच रहे है, उनका कहना है कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीतसिंह मोखा का नाम सामने आया है जिसकी जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएगें उस पर कार्यवाही की जाएगी. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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