नई दिल्ली. नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड) जेसीएम के सचिव व आल इंडिया रेलवे मैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) जनरल सेक्रेट्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलवे सहित तमाम केेंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को कोरोना काल में चिल्ड्रन्स एजुकेशन भत्ता (सीईए) मामले में कुछ बिंदुओं पर डिपार्टमेंट आफ कार्मिक एवं ट्रेनिंग को पत्र लिखकर इस मामले में आपत्ति जताते हुए इस मामले में स्पष्टीकरण जारी करने का अनुरोध किया है. श्री मिस्रा ने कहा कि कुछ निर्देश भत्ता की राह में बाधक बन रहे हैं. इस मामले को वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने एआईआरएफ महासचिव शिवगोपाल मिश्रा के संज्ञान में लाया था.
इस संबंध में जेसीएम सचिव स्टाफ साइड शिवगोपाल मिश्रा ने पत्र लिखकर कहा है कि जुलाई 2018 में विभाग ने जो आदेश जारी किये हैं, उसके मुताबिक सीईए की प्रतिपूर्ति और छात्रावास सब्सिडी का उसकी कक्षा में बच्चे के प्रदर्शन के साथ कोई संबंध नहीं होगा. दूसरे शब्दों में, यदि कोई बच्चा किसी विशेष कक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाता है, तो भी सीईए/छात्रावास सब्सिडी की प्रतिपूर्ति को रोका नहीं जाएगा. तथापि, यदि बच्चे को उसी कक्षा में किसी अन्य विद्यालय में प्रवेश दिया जाता है, यद्यपि बच्चा पिछले विद्यालय में या मध्य सत्र में उसी कक्षा से उत्तीर्ण हुआ है, सीईए प्रतिपूर्ति योग्य नहीं होगा.
कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ा रहा है प्रावधान
वहीं इस मामले में डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि डीओपीटी द्वारा चिल्ड्रन्स एजुकेशन एलाउंस (सीईए) के संबंध में जो दिशा निर्देश जारी किये गये थे, उससे काफी भ्रम की स्थिति कर्मचारियों में उत्पन्न हो रही है. जिस पर एनसी जेसीएम स्टाफ साइड शिवगोपाल मिश्रा ने डीओपीटी को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है. डीओपीटी के यह प्रावधान उन कर्मचारियों के लिए समस्या पैदा कर रहा है, जो एक विशेष वर्ष में पहली कक्षा में केंद्रीय विद्यालय में बच्चे को प्रवेश पाने में सक्षम नहीं थे और बच्चे को एक अलग स्कूल में भर्ती करते थे और बाद में अगले शैक्षणिक वर्ष में बच्चे को प्रवेश मिला. पहली कक्षा में केन्द्रीय विद्यालय, ऐसे मामलों में उपरोक्त आधार पर कर्मचारियों को सीईए का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि ऐसे मामलों में जहां बच्चा पहली कक्षा में एक स्कूल में पढ़ता है और अगले शैक्षणिक वर्ष में जब बच्चे को केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में स्थानांतरित किया जाता है, तो उनके मामले में सीईए को स्वीकार्य बनाया जा सकता है.
कोरोना काल में हो रही परेशानी, दी जाये रियायत
पत्र में श्री मिश्रा ने कहा है कि डीओपी एंड टी के दिनांक 16/17 के कार्यालय ज्ञापन के पैरा 2 (बी) के अनुसार जुलाई 2018, सीईए की प्रतिपूर्ति के लिए सरकारी कर्मचारी को उस अवधि/वर्ष के लिए संस्थान के प्रमुख द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए जिसके लिए दावा किया गया है. वैकल्पिक रूप से रिपोर्ट कार्ड/रसीद की स्व-सत्यापित प्रतियां भी जमा की जा सकती हैं. हालांकि वर्तमान में लॉकडाउन आदि सहित विभिन्न कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण, स्कूल बंद हैं और रिपोर्ट कार्ड प्राप्त नहीं हुए हैं और अभिभावकों के पास रसीद का पूरा सेट भी नहीं है. इसके अलावा परिणाम/रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों को स्कूलों द्वारा केवल एसएमएस के माध्यम से भेजे गए थे. ऐसे मामलों में कर्मचारियों को सीईए का दावा करने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए कोविड-19 स्थिति और प्रतिबंध पर विचार करते हुए एक विशेष मामले के रूप में, सीईए के दावों पर संबंधित कर्मचारियों से स्व-प्रमाणन मोड के माध्यम से विचार किया जा सकता है ताकि उनके सामने आने वाली कठिनाई से बचा जा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे अपने देश भर के अस्पतालों में लगाएगा 86 ऑक्सीजन प्लांट
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