सुप्रीम कोर्ट का केेंद्र व राज्यों को निर्देश - सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर 4 हफ्तों में फाइल करें रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का केेंद्र व राज्यों को निर्देश - सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर 4 हफ्तों में फाइल करें रिपोर्ट

प्रेषित समय :18:20:27 PM / Wed, Jul 7th, 2021

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) की राज्य समितियों और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में सूचना आयुक्त के पदों पर समय सीमा के तहत नियुक्तियां करने के 2019 के उसके आदेश के अनुपालन पर स्थिति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच ने कहा कि केंद्र और राज्यों को केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग में रिक्तियों की जानकारियां 4 सप्ताह के भीतर देनी होगी और साथ ही इन पदों पर नियुक्तियों के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी देनी होगी. आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज की याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था.

इस याचिका में कानून के तहत सीआईसी और एसआईसी में नियुक्तियों पर 2019 के आदेश को लागू करने का अनुरोध किया गया है. भारद्वाज ने सरकारी प्राधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया. कोर्ट ने सरकार को एक निर्धारित समयसीमा के भीतर और पारदर्शी तरीके से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर भर्ती का दिया था निर्देश

2019 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए 3 महीने का समय दिया था. कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया था कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बनाए जाने वाले सर्च कमेटी के सदस्यों का नाम 2 हफ्ते के भीतर वेबसाइट पर अपलोड किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण को भी मामले में अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी. भूषण ने कहा कि सीआईसी में रिक्त पदों के लिए 300 लोगों ने आवेदन दिया था और उन्होंने 7 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया, लेकिन उनकी जानकारी ऑन रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चयन समिति की बैठक के दौरान सीआईसी और आईसी के लिए चयन मानदंड प्रदान नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया था.

मौजूदा रिक्तियों और सभी जानकारी ऑन रिकॉर्ड हो- प्रशांत भूषण

प्रशांत भूषण ने कहा कि सीआईसी में अब भी तीन रिक्तियां हैं और सरकार को मौजूदा स्थिति की जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र को सीआईसी और आईसी के रूप में नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के नामों को छांटने के लिए मानदंड और मौजूदा रिक्तियों एवं पदों के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के नाम जैसी जानकारी रिकॉर्ड करने के निर्देश दिए जाने चाहिए.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में एसआईसी में रिक्तियां हैं और इस कोर्ट के निर्देशों को पूरी तरह से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीआई के तहत लगभग 75,000 और 36,000 मामले क्रमश: महाराष्ट्र एसआईसी और सीआईसी में लंबित हैं और आरटीआई कानून को निष्प्रभावी बनाने के प्रयास किए गए हैं.

सीआईसी में अध्यक्ष के अलावा अभी 7 सदस्य- सरकार

वहीं केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुईं एडिशनल सॉलीसीटर जनरल माधवी दिवान ने कहा कि अप्रैल 2020 में अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया था. उन्होंने कहा, उनकी (याचिकाकर्ता) शिकायत थी कि लोगों की नियुक्ति नहीं हुई. इस प्रक्रिया को पूरा किया गया और मार्च 2020 में नियुक्ति हुई. सीआईसी में अध्यक्ष के अलावा अभी 7 सदस्य हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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