पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में कोरोना संकटकाल में अनाज बांटने से लेकर आज वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी राजनैतिक दलों के नेताओं की बलि चढ़ता जा रहा है, शहर से लेक र गांव तक के वैक्सीनेशन सेंटरों पर सफेदपोशों ने कब्जा जमा लिया है, अब उनकी मर्जी से लोगों को वैक्सीन लग रही है, नेता यह देखकर लोगों को अंदर जाने दे रहे है कि संबंधित व्यक्ति उनके वार्ड का है या नहीं, यदि वह बाहर को हुआ तो उसे भगा दिया जा रहा है. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने भी दबी जुबान में यह बात कही है कि जबलपुर का वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर शहर के नेताओं का कब्जा हो गया है, हम मजबूर है.
बताया जाता है कि जबलपुर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरुआती दौर में तो ठीक चला क्योंकि उस वक्त प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सांसद, विधायकों सहित स्वास्थ्य अधिकारियों, कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही थी, लेकिन जैसे ही वैक्सीनेश का कार्यक्रम आम पब्लिक के लिए शुरु हुआ तो उसका राजनीतिकरण होने लगा, शहर से लेकर गांव तक के वैक्सीनेशन सेंटरों ने राजनैतिक दलों के नेताओं से लेकर कार्यक र्ताओं ने कब्जा कर लिया और वैक्सीनेशन कार्यक्रम उनके अनुसार चलने लगा, शहर के अधिकतर वैक्सीनेश सेंटरों में इन दिनों पार्षद पद के दावेदार नजर आ रहे है, जो अपने वार्ड के लोगों को वैक्सीन लगवा रहे है, यदि इस बीच दूसरे वार्ड का कोई व्यक्ति आ जाए तो उसे बाहर का रास्ता तक दिखाया जा रहा है, वैक्सीनेशन कार्यक्रम तो वैसे सुबह दस बजे शुरु होता है लेकिन तथाकथित नेता सुबह 9 बजे ही वैक्सीनेशन सेंटरों पर कब्जा जमाकर बैठ जाते है, खासबात तो यह है कि प्रशानिक अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों तक को इस बात की खबर है कि वैक्सीनेशन सेंटरों में सफेदपोश नेताओं का कब्जा हो गया है, उनकी मर्जी से वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है फिर भी कोई एक्शन न लिया जाना आश्चर्यजनक पहलू है, जबकि जबलपुर में विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में वैक्सीनेशन शिविर लगवाए लोग लाभान्वित भी हुए है, अब पार्षद पद के दावेदार वार्ड में शिविर तो नहीं लगवा पा रहे है लेकिन वैक्सीनेशन सेंटरों पर कब्जा करके जरुर बैठ रहे है. क्योंकि जब चुनाव की आहट हुई थी तो वार्ड में भ्रमण शुरु हो गया था, लेकिन चुनाव टलने की खबर मिलने के बाद सारे के सारे दावेदार अपने अपने बिलों के अंदर चले गए थे, अब किसी से कोई काम नहीं पूछा जा रहा है, अब वार्ड के लोग याद नहीं आ रहे है, पिछले दिनों पानी की किल्लत हुई लोग इधर से उधर पानी के लिए भटकते रहे तब किसी को वार्ड के लोगों की याद नहीं आई, लेकिन वैक्सीनेशन सेंटर लोगों से जुडऩे का अच्छा माध्यम समझ आया तो यहां पर जुट गए.
वैक्सीनेशन के टोकन सफेदपोश बांट रहे-
चर्चाओं के दौरान यह बात सामने आई है कि वैक्सीनेशन सेंटर से लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए टोकन सिस्टम अपनाया गया है, लेकिन उक्त टोकन सफेदपोश नेता व पार्षद पद के दावेदार अपनी अपनी जेबों में रखे रहते है, जैसे ही उनके वार्ड का कोई व्यक्ति आया तो टोकन दिया जाता है, ऐसे में उन लोगों को दिक्कत हो रही है जो लम्बी लाइन में तो खड़े रहते है लेकिन उन्हे बिना टोकन के वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है.
इन सेंटरों पर है कब्जा-
सूत्रों की माने तो शहर के शासकीय अस्पताल, सामुदायिक भवनों के अलावा लगभग सभी वैक्सीनेशन सेंटरों पर इन तथाकथित नेताओं ने कब्जा कर लिया है, जो सेंटर के गेट पर ही सुरक्षा कर्मियों की भांति खड़े देखे जा सकते है, जो कहने के लिए तो जनमानस की सहायत करने की बात कह रहे है लेकिन हकीकत यह है कि इस बहाने अपनी राजनैतिक साख को मजबूत कर रहे है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बुलेरो गाड़ी की छत को बना लिया केबिन, उड़ीसा से भरकर जबलपुर ले आए 72 किलो गांजा, देखें वीडियो
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