चंडीगढ़. हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. राज्य में बिजली सस्ती हो गई है. मनोहरलाल सरकार ने राज्य में बिजली की दरों में कमी कर दी है. बिजली कंपनियों के लाभ में आने तथा बिजली खरीद की दरों में कमी के चलते प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के हित में यह बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 37 पैसे प्रति यूनिट बिजली के दामों में कमी है. बिजली कंपनियों की खरीद लागत में पिछले साल की अपेक्षा 46 पैसे प्रति यूनिट की कमी आई है, जिसका लाभ सरकार ने राज्य के 55 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किया है.
राज्य के 55 लाख उपभोक्ताओं को तोहफा, 37 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती
हरियाणा सरकार के बिजली के दामों में की गई कमी के फैसले से उपभोक्ताओं को हर माह करीब 100 करोड़ रुपये का फायदा होगा. यूं भी कह सकते हैं कि यदि राज्य सरकार बिजली के दामों में कमी नहीं करती तो सरकारी खजाने में हर माह 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व पहुंचता. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली की दरों में कमी कर प्रदेश की जनता से किया गया वादा पूरा किया है. मुख्यमंत्री ने पिछले बजट सत्र और इससे पहले हुए विधानसभा सत्र में ऐलान कियाी था कि सरकार मौका मिलते ही बिजली के दामों में कमी करेगी.
बिजली खरीद दरों में कमी आई तो उपभोक्ताओं को दिया सरकार ने फायदा
हरियाणा सरकार ने सूक्ष्म और लघु श्रेणी के उद्योगों को दो रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली के दामों में पहले ही राहत प्रदान कर रखी है. खेतिहर किसानों के लिए सरकार मात्र 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदान करती है. राज्य सरकार हर साल किसानों को करीब 6800 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी प्रदान करती है. बिजली विभाग और वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई बार सरकार के समक्ष इस सब्सिडी को खत्म करने या कम करने के प्रस्ताव दिए, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है.
खेतिहर किसानों को 6800 करोड़ की सब्सिडी वहन कर 10 पैसे यूनिट दी जा रही बिजली
हरियाणा में वर्तमान में 55 लाख 56 हजार 251 घरेलू उपभोक्ता हैं. आपूर्ति खपत 6.90 रुपये प्रति यूनिट होते हुए भी, इन्हें टैरिफ की दरों में बड़ी राहत प्रदान की जा रही है. अभी तक पहले के जैसे 0 से 50 यूनिट तक दो रुपये यूनिट और 51 से 100 तक 2.50 रुपये पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल लिया जा रहा था, लेकिन इसमें 37 पैसे यूनिट की कमी की गई है. इंडस्ट्री के फिक्स चार्ज को 170 रुपये प्रति किलो वाट से घटाकर 165 रुपये प्रति किलो वाट पहले ही किया जा चुका है.
बिजली वितरण कंपनियां अब नहीं लेंगी एफएसए
हरियाणा की बिजली कंपनियां अब उपभोक्ताओं ने एफएसए (फ्यूल सरचार्ज) नहीं लेंगी, जिस कारण बिजली के दामों में कमी हुई है. राज्य की बिजली कंपनियों ने लाइन लास में काफी हद तक कमी की है. एक समय था, जब राज्य में लाइन लास 30 फीसद तक पहुंच गया था. लाइन लास में बिजली वितरण में अनियमितता और बिजली की चोरी की चोरी शामिल है.
राज्य सरकार को 46 पैसे प्रति यूनिट का फायदा मिला, इसकी एवज में एफएसए खत्म किया
प्रदेश सरकार इस लाइन लास को कम कर करीब 15 प्रतिशत पर ले लाई है, जिसे अगले दो साल में करीब 10 फीसद पर लाने की योजना है. एक फीसद लाइन लास कम होने से बिजली निगमों को करीब 200 करोड़ रुपये का फायदा होता है. बेहतर प्रबंधन योजना के चलते बिजली कंपनियों ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 46 पैसे प्रति यूनिट की औसत बिजली खरीद लागत में कमी हासिल की है. यह हरियाणा बिदली नियामक आयोग द्वारा की गई एफएसए की गणना में भी परिलक्षित हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-हरियाणा में 37 पैसे प्रति यूनिट सस्ती हुई बिजली, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किया ऐलान
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