नजरिया. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, इससे एक दिन पहले मंगलवार को उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
खबर है कि कैप्टन अमरिंदर और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात में सीएम ने विवादित तीनों कृषि कानून को वापस लेने और किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता श्रेणी में लाने के लिए संशोधन की मांग की है.
यही नहीं, उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि- किसानों के धैर्य की परीक्षा भारी पड़ सकती है!
खबरों पर भरोसा करें तो पंजाब सरकार ने कहा है कि- लंबे समय तक चलने वाले किसान आंदोलन जिसमें चार सौ से ज्यादा किसानों और श्रमिकों की जान चली गई है, इससे देश और राज्य की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित ताकतें किसानों के असंतोष का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं.
यही नहीं, उनका तो यह भी कहना था कि आंदोलन न केवल पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है.
इन मुलाकातों के दौरान अमरिंदर सिंह ने किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तीनों कानूनों को वापस लेने की अपील की है.
सियासी सयानों का मानना है कि- हो सकता है, कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार का इरादा नेक हो, लेकिन जब किसानों को यह मंजूर नहीं है, तो सरकार को इन्हें समाप्त कर देना चाहिए, क्योंकि बहुमत बेहतर निर्णय करने के अधिकार तो देता है, लेकिन मनमानी करने का हक नहीं देता है.
अच्छा होगा, यदि हालात अनियंत्रित होने से पहले केंद्र सरकार कृषि कानून समाप्त करने का ऐलान कर दें!
किसान आंदोलन! कल, आज और कल....
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः अब किसान बोले- मोदी गद्दी छोड़ो!
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