जबलपुर. मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर रीजन के जबलपुर ओएंडएम सर्किल के पाटन संभाग में सुधार कार्य के दौरान करंट से बुरी तरह झुलसे आउटसोर्स कर्मी का मुंबई की ठेका कंपनी क्रिस्टल ने इलाज कराने से इंकार कर दिया. घायल कर्मी क्रिस्टल कंपनी के अंतर्गत ही कार्यरत था.
जानकारी के अनुसार जबलपुर ओएंडएम सर्किल के पाटन संभाग के अंतर्गत बेलखेड़ा डीसी में पदस्थ आउटसोर्स कर्मी कालू सिंह को शनिवार 9 अक्टूबर की रात को जूनियर इंजीनियर के द्वारा उड़ा कला गांव में लगे ट्रांसफार्मर के डीओ का फ्यूज लगाने का कार्य सौंपा था.
कर्मी कालू सिंह बेलखेड़ा 33/11 केवी सब-स्टेशन से सप्लाई बंद करवा कर ट्रांसफार्मर की डीपी के ऊपर चढ़कर डीओ फ्यूज लगा रहा था. उसी समय सप्लाई चालू होने से वह करंट की चपेट में आ गया और उसका दाहिना हाथ, बायां पैरतथा पीठ आदि बुरी तरह झुलस गए.
साथ में मौजूद सहयोगीयों के द्वारा उसे तत्काल बेलखेड़ा हॉस्पिटल ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया गया. वहाँ आराम ना लगने की वजह से बेलखेड़ा से रेफर करवा कर जबलपुर में एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कर दिया गया है. गरीब मां-बाप के द्वारा 10,000 रुपये उधार लेकर जमा कराए गए, जिसके बाद कर्मी का उपचार शुरू हो पाया. इस दौरान पाटन संभाग के कार्यपालन अभियंता नीरज कुच्या भी आउटसोर्स कर्मी का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे.
वहीं मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी प्रबंधन के द्वारा मुंबई की क्रिस्टल कंपनी को जबलपुर ओएंडएम सर्किल के जबलपुर ग्रामीण, सिहोरा तथा पाटन संभाग में आउटसोर्स के कर्मी उपलब्ध कराने का ठेका दिया गया है. घायल आउटसोर्स कर्मी भी क्रिस्टल कंपनी के अंतर्गत कार्यरत है.
उन्होंने बताया कि क्रिस्टल कंपनी के मैनेजर से घायल आउटसोर्स कर्मी का इलाज कराने की बात कही गई तो उसने साफ इंकार कर दिया कर दिया है कि हम इलाज कराने के लिए पैसे नहीं दे पाएंगे. आउटसोर्स कर्मी स्वयं इलाज कराए, मेडिकल बिल दे उसके बाद कंपनी में बिल लगाएंगे तब पैसा दे पाएंगे.
संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, सुरेंद्र मेश्राम आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि आउटसोर्स कर्मी का इलाज न करवाने वाली क्रिस्टल कंपनी का ठेका तत्काल समाप्त किया जाए. साथ ही सभी आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनी में संविलियन कर 20 लाख का बीमा करवा कर इलाज के लिए कैशलेस की सुविधा दी जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में दीक्षा के बाद निष्कासित जैन मुनि करता रहा महिला से छेड़छाड़, गिरफ्तार
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