नई दिल्ली. रेल मंत्रालय ने अपने खर्च में कटौती के लिए एक नया और अनोखा तरीका निकाला है. मंत्रालय ने अपने अधिकारियों के खर्च पर लगाम कसने के लिए बैठक के दौरान होने वाले चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा तय कर दी है. इससे पहले सरकारी बैठकों में अधिकारियों के चाय- नाश्ते पर होने वाले खर्च की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी. रेल मंत्रालय का यह आदेश 1 नवंबर 2021 से लागू होने जा रहा है. इस आदेश के मुताबिक़ सेक्शन ऑफ़िसर और उनके बराबर के अधिकारी किसी भी बैठक के दौरान महीने में अधिकतम 500 रुपये ही खर्च कर सकेंगे.
रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि रेलवे में फिजूल खर्च को रोकने के लिए अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं. इसी के तहत अंडर सेक्रेटरी और डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए यह सीमा 800 रुपये निर्धारित की गई है. जबकि डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर रैंक के अधिकारी महीने में 1200 तक का खर्च कर सकेंगे. डायरेक्टर रैंक के अधिकारियों के लिए यह सीमा 1500 रुपये निर्धारित की गई है. ज्वाइंट सेक्रेटरी और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के लिए यह रकम 2500 रुपये की होगी. इसी तरह HAG रैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के लिए यह सीमा 3000 रुपये निर्धारित की गई है.
प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और एडवाइजर रैंक के अधिकारी महीने में अधिकतम 4000 रुपये चाय-नाश्ते पर खर्च कर सकेंगे. रेल मंत्रालय की ओर आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर के लिए यह सीमा 5000 रुपये की रखी गई है. इस आदेश में केवल रेलवे बोर्ड से चेयरमैन और बोर्ड मेंबर के लिए खर्च की रकम तय नहीं की गई है. रेल मंत्रालय देश के सबसे बड़े मंत्रालय में से एक है और यहां सैकड़ों अधिकारियों की तैनाती होती है. इस लिहाज से यह आदेश काफ़ी मायने रखता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अब RPF जवानों की जेब में कितना है कैश, ड्यूटी से पहले बताना हुआ अनिवार्य, रेल मंत्रालय का फरमान
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