नजरिया. बीजेपी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
हालांकि, पंजाब में बीजेपी के लिए बहुत ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ मिलने से बीजेपी को उम्मीद की किरण नजर आ रही है?
हो सकता है, कैप्टन को साथ लेकर किसान आंदोलन के समाधान का रास्ता भी तलाशा जाए और यदि ऐसा हुआ तो बीजेपी को पंजाब में तो थोड़ा, लेकिन यूपी में बड़ा फायदा मिल सकता है!
पंजाब में बीजेपी ने.... नवां पंजाब- भाजपा दे नाल.... नया पंजाब, भाजपा के साथ, नारा दिया है.
खबर है कि चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की मौजूदगी में बीजेपी ने इसका पोस्टर जारी किया. इस मौके पर उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह का गठबंधन के लिए स्वागत करने का इरादा जाहिर करने के साथ-साथ आंदोलनरत किसानों को बातचीत के लिए केंद्र सरकार के तैयार होने के संकेत भी दिए.
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कहा कि पंजाब में बीजेपी सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अगले चुनाव में पंजाब में कमल खिलाकर बीजेपी इतिहास रचेगी?
लेकिन, पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजों पर नजर डालें, तो यह आसान नहीं है!
उस चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब की प्रमुख पार्टी शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन को राज्य में तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया था. शिरोमणि अकाली दल को 15 तो बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थीं.इतना ही नहीं, बीजेपी को मात्र 5.3 प्रतिशत वोट ही मिले थे.
सियासी सयानों का मानना है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में बीजेपी कितने वोट लाती है या कितनी सीटें लाती है, इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि क्या बीजेपी पंजाब की प्रमुख पार्टी के रूप में अपनी पहचान बना पाती है?
अगर बीजेपी वोट प्रतिशत बढ़ाने में भी कामयाब होती है, तो यह बड़ी उपलब्धि होगी!
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