नई दिल्ली. 2005-06 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 के दौरान भारत का टीएफआर (TFR) 2.7 था, जोकि 2015-16 में घटकर 2.2 हो गया है. दूसरी ओर NFHS-3 और 2019-21 में हुए ताजा NFHS-5 के बीच देश की ज्यादा आबादी वाले राज्यों मसलन, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में टीएफआर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, इसकी वजह से देश की कुल प्रजनन दर में गिरावट आई है और प्रतिस्थापन दर से नीचे चली गई है.
यूपी-बिहार का हाल
NFHS-5 का पहला चरण 17 जून 2019 से 30 जनवरी 2020 के बीच किया गया था और दूसरा चरण 2 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक चला था. फेज-1 में 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टारगेट किया गया था और दूसरे चरण में 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश शामिल थे. बिहार को छोड़ दें तो अन्य सभी राज्यों में शहरी टीएफआर प्रतिस्थापन दर से नीचे है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुल प्रजनन दर सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में ज्यादा है. वहीं मेघालय, मणिपुर और मिजोरम जैसे छोटे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में भी कुल प्रजनन दर ज्यादा है.
जम्मू-कश्मीर में सबसे कम प्रजनन दर
बड़े राज्यों में कुल प्रजनन दर सबसे कम जम्मू और कश्मीर में 1.4 है. 2015-16 में हुए पिछले NFHS सर्वे के बाद से जम्मू और कश्मीर ही वह राज्य है, जहां कुल प्रजनन दर में सबसे ज्यादा गिरावट (0.6) दर्ज की गई है. NFHS-4 में केरल और पंजाब की कुल प्रजनन दर 1.6 थी, जबकि तमिलनाडु में यह 1.7 थी. नए सर्वे में पंजाब में कुल प्रजनन दर 1.6 ही है, लेकिन केरल और तमिलनाडु की कुल प्रजनन दर में इजाफा दर्ज किया गया है. दोनों में टीएफआर 2019-21 में बढ़कर 1.8 हो गई है. सबसे कम प्रजनन दर सिक्किम की 1.1 है.
सिक्किम की प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम
सिक्किम की प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर के बराबर है. यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन डाटा के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रजनन दर नाइजर (6.9) और सोमालिया (6.1) की है. अगर भारत के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो नेपाल में कुल प्रजनन दर भारत और बांग्लादेश के बाद सबसे कम है, वहीं, अफ्रीका में यह 4.4 है, जबकि ओशिनिया देशों में 2.4 है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल-14 साल में खत्म हो गया था राम का वनवास, चांदनी चौक का कब होगा?
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