प्रदीप द्विवेदी. जब से एग्जिट पोल आए हैं, सियासी महाभारत शुरू हो गई है?
इस बीच, ईवीएम को लेकर जमीन पर हंगामा है, तो एग्जिट पोल को लेकर न्यूज चैनल गर्माए हुए हैं!
मजेदार बात यह है कि पक्ष-विपक्ष की इस सियासी रस्साकशी में जनता को समझ नहीं आ रहा कि- कौन सच्चा है और कौन झूठा है?
सियासी सयानों का मानना है कि कोई सर्वे कुछ भी कहे, इस बार मुद्दे इतने उलझ गए हैं और जनता एकदम खामोश है, लिहाजा यह कहना बहुत मुश्किल है कि वास्तव में नतीजे क्या होंगे?
एग्जिट पोल में सबसे बड़ी गड़बड़ यह है कि- एक तिहाई से भी कम महिलाओं की राय ली गई है, मतलब.... लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का असर क्या होगा? यह हिसाब गायब है!
बहरहाल, विभिन्न मुद्दे ही तय करेंगे कि इस सियासी संग्राम में जीत किसकी होगी?
बीजेपीः इस बार यूपी मे बीजेपी के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं, जहां गैर भाजपाइयों के मुस्लिम और दलित वोटों का बिखराव बीजेपी को फायदा पहुंचाएगा, वहीं बीजेपी ने जो हिंदू वोट बैंक तैयार कर लिया है, उसका भी लाभ उसे मिलेगा, मुफ्त राशन जैसी योजनाओं का वास्तव में लोगों को कितना लाभ मिला है, उसका भी असर चुनावी नतीजों में नजर आएगा, परन्तु यदि मोदी सरकार के मुद्दे- किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सिलेंडर के रेट आदि असरदार रहे, तो बीजेपी की सत्ता से विदाई हो सकती है?
अर्थात.... यदि जीते, तो योगी अपने दम पर और हारे तो मोदी सरकार के मुद्दों के कारण हारेंगे!
सपाः बीजेपी के अलावा सपा भी इस बार सत्ता के करीब पहुंचती नजर आ रही है, अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा आक्रामक अंदाज में आगे बढ़ी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि- क्या वे पूर्ण बहुमत जुटा पाएंगे?
बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों का फायदा सपा को मिल सकता है, किन्तु पूर्ण बहुमत जुटाना आसान नहीं है?
यदि पश्चिम बंगाल जैसे अंदाज में मुस्लिमों और दलितों ने वोट डाले होंगे, तो ही सपा यूपी की कुर्सी पर कब्जा जमा पाएगी!
कांग्रेसः प्रियंका गांधी के नेतृत्व में यूपी में कांग्रेस नई दिशा में आगे बढ़ रही है, खासकर- लड़की हूं, लड़ सकती हूं, का जो अभियान शुरू किया गया है, यदि असरदार रहा होगा, तो यूपी विधानसभा की सियासी तस्वीर ही बदल जाएगी?
वैसे, कांग्रेस को सीटें कितनी मिलती हैं, इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस को यूपी में कुल वोट कितने मिलते है?
हालांकि, महिलाओं को हक दिलाने के मुद्दे पर सफलता हासिल करना मुश्किल भले ही हो, समय लग सकता है, लेकिन मुमकिन तो है!
ऐसी स्थिति में कांग्रेस किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है?
बसपाः इस बार यूपी चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती बहुत ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आई हैं, किन्तु उनकी पार्टी का वोट बैंक उनके लिए उम्मीदें बढ़ा रहा है, यदि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला तो बसपा की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी?
देश के प्रमुख कार्टूनिस्ट इरफान, चुनावी नतीजों को लेकर लोग कितने क्रेजी है, यह दिखा रहे हैं....
https://twitter.com/IRFANSCARTOONS/status/1501626899696861186/photo/1
एग्जिट पोल! बोले तो.... सर्वे का असली मजा?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1501589487704748032
इंटरनेशनल पेंडुलम डाउजिंग एक्सपर्ट राजीव सरदाना बता रहे हैं कि- यूपी इलेक्शन में कौनसे मुद्दे रहेंगे असरदार?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1488858776081817601
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंटरनेशनल पेंडुलम डाउजिंग एक्सपर्ट राजीव सरदाना बता रहे हैं कि- यूपी इलेक्शन में कौनसे मुद्दे रहेंगे असरदार? news in hindi https://t.co/2G47UcxxEp
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) February 2, 2022
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