प्रदीप द्विवेदी. देश के प्रमुख पत्रकार शकील अख्तर जो लिखते हैं, उससे भारत के मुसलमानों को सीखने-समझने की जरूरत है, क्योंकि कुछ समय से सियासत ने इनकी दिशा बदल दी है, जाहिर है, दिशा बदलने से दशा तो बिगड़नी ही है?
शकील अख्तर पूछते हैं.... डॉ. आंबेडकर से सबसे ज्यादा सीखने की जरूरत किसको है?
और.... फिर सही जवाब भी देते हैं- मुसलमानों को!
उन्होंने ट्वीट किए- डॉ. आंबेडकर से सबसे ज्यादा सीखने की जरूरत किसको है?
मुसलमानों को.
दलितों ने तो उनकी बातों पर अमल किया और पहले शिक्षित हुए और फिर नौकरियों में जगह बनाई. सवर्णों में ब्राह्मण, कायस्थ पहले से ही पढ़ लिख रहे थे. वैश्यों ने इस क्षेत्र में ज्यादा ध्यान दिया और सबसे आगे निकल गए.
सबसे बुरी हालत मुसलमानों की है. पहले पढ़ लिख रहे थे, मगर अब उस पर इतना ध्यान नहीं दे रहे हैं. महिला शिक्षा पर और भी कम. नौकरियों में लगातार उनका हिस्सा घटता जा रहा है. जितना मध्यमवर्ग बना था वह कम हो रहा है. कारण बहुत सारे हैं. मुसलमानों के राजनीतिक, सामाजिक नेतृत्व को खुद सोचना चाहिए.
धार्मिक नेतृत्व का प्रभाव बढ़ रहा है, जो मार्डन एजुकेशन के पक्ष में नहीं है, जबकि एएमयू की स्थापना करने वाले सर सैयद ने उसे शुरु करते वक्त कहा था कि यह मुसलमानों की मार्डन एजुकेशन के लिए है.
आज मुसलमानों को उसी की जरूरत है. आंबेडकर की पहली सीख यही थी- शिक्षित बनो!
यकीनन, धार्मिक राजनीति के रंग में रंगे नेताओं को यह विचार शायद पसंद नहीं आएगा, लेकिन जब तक इस विचार को तहे दिल से स्वीकार नहीं किया जाएगा, तब तक मुसलमानों की बेहतर तरक्की संभव नहीं है?
भारत में- स्वधर्म स्वाभिमान, शेष धर्म सम्मान, ही सर्वश्रेष्ठ धर्मधारणा है, जिसे अपनाने पर ही समाज का विकास और देश की प्रगति संभव है!
https://twitter.com/shakeelNBT/status/1514468058114367491
एकाधिक धर्म का विकल्प भी होना चाहिए!
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1360181547723223047
गिरिराज अग्रवालः सभी को सावधान रहने की जरूरत है...
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1513525263820226565
प्रदीप द्विवेदीः यदि 2024 में जीत चाहिए, तो ममता बनर्जी को सियासी धैर्य दिखाना होगा!
प्रदीप द्विवेदीः लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का पीएम फेस कौन होगा?
प्रदीप द्विवेदीः यूपी में क्या होगा? अभी हिसाब लगाना, जल्दबाजी होगी!
प्रदीप द्विवेदीः असंसदीय शब्द ही नहीं, दीदी-ओ-दीदी जैसे असंसदीय लहजे पर भी रोक लगे?
प्रदीप द्विवेदीः 2024 से पहले तो, दो बड़े पाॅलिटिकल एक्जाम पास करने होंगे विपक्ष को?
प्रदीप द्विवेदीः पिछली तमाम जासूसी, सियासी अपराध थीं, लेकिन- पेगासस जासूसी देशद्रोह है, क्योंकि....
Leave a Reply