अव्यवस्थाओं, काम के बोझ में दबा रेलवे का C&W स्टाफ, WCREU ने कोचिंग डिपो में दिया धरना, की यह मांग

अव्यवस्थाओं, काम के बोझ में दबा रेलवे का C&W स्टाफ, WCREU ने कोचिंग डिपो में दिया धरना, की यह मांग

प्रेषित समय :18:18:44 PM / Tue, May 24th, 2022

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर के कैरिज एंड वैगन डिपो के कर्मचारी इन दिनों भारी असुविधा, अवव्यवस्थाओं के बीच काम करने मजबूर हैं. उन पर कार्य का अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है, जिससे यहां का स्टाफ बेहद तनाव में काम कर रहा है. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने कर्मचारियों की मांगों पर गंभीर रुख अपनाते हुए आज 24 मइ मंगलवार को कोचिंग डिपो प्रांगण में एक दिनी धरना दिया. इस दौरान यूनियन नेताओं ने रेल प्रशासन को चेताया है कि कर्मचारियों की जायज मांगों को हर हाल में पूर्ण करना होगा, वरना आंदोलन और व्यापक होगा.

कोचिंग डिपो में धरना के अवसर पर डबलूसीआरईयू के मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला, मंडल सचिव रोमेश मिश्रा, पूर्व मंडल सचिव कामरेड नवीन लिटोरिया, जरनैल सिंह, शशिपाल मीणा, मो. राजिक, जीतेन्द्र वर्मा, सतीश, दिलीप, शाहिद, ओमप्रकाश, राकेश पांडेय सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे. इस दौरान आक्रोशित कर्मचारियों ने जमकर रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

कर्मचारियों की यह है प्रमुख मांगें

- सीएंडडबलू जबलपुर में गाड़ी के मेंटेेंस में कर्मचारियों की संख्या एवं  बैचों की संख्या लगातार घटाई जा रही है एवं टेक्नीशियन स्टाफ का जीएम अफिस व डीआरएम आफिस एवं रिकार्डर की संख्या बढ़ाई जा रही है.

- सीएंडडबलू में कोरोना काल के पहले 14 बेच थे, जो वर्तमान में 11 बैच कार्यरत हैं, जिससे कार्यरत स्टाफ पर कार्य का दबाव बढ़ता जा रहा है. साथ ही कोचिंग डिपो में स्टाफ रूप की पर्याप्त रेक मेंटेनेंस व्यवस्था नहीं है.

- रेक मेंटेनेंस के टायलेट में हमेशा ठेकेदार के कर्मचारियोंं का कब्जा रहता है, सीएंडडबलू स्टाफ के लिए अलग व्यवस्था की जाए.

- जबलपुर में मेटेरेलियल की भारी कमी है. यार्ड में खड़ी गाडिय़ों से खोलकर पार्ट लगवाए जा रहे हैं.

- सीएंडडबलू जबलपुर में फायर एक्सटिंग्यूशर का रखरखाव पहले पावर कार, एसएलआर का किया जाता है, परंतु वर्तमान में पूरे रैक का फायर एक्सटिंग्यूशर का रखरखाव दे दिया गया है. गाड़ी के रखरखाव के लिए रैक मेंटेेनेंस यार्ड एवं लोको रैक के जाने के लिए मेन लाइन रेल प्रशासन द्वारा जबर्दस्ती पार कराया जाता है, जिससे हादसे का खतरा बना हुआ है. मेन लाइन पार करने के लिए यार्ड में ओवरब्रिज बनाया जाए.

- वरिष्ठ टेक्नीशियन व टेकनीशियन को आफिस वर्क में लगाया जा रहा है, व कम अनुभवी व हेल्पर कर्मचारियों को गाड़ी में मेंटेनेंस कार्य में लगाया जाा रहा है. जीएम आफिस में 2 एसएसई डेपुटेशन में कार्यरत हैं,जबकि जीएम आफिस में सुपरवाइजर की फुल स्ट्रेंथ है. अत: दोनों एसएसई को वापस डिपो में पदस्थापित किया जाए. - डीआरएम आफिस में लगभग 10 एसएसई कार्यरत हैं, जबकि वहां 2-3 एसएसई की आवश्यकता है, उनको वापस डिपो में भेजकर कार्य कराया जाए.

- कर्मचारियों का समय पर डिपो से बिल प्रेषित नहीं किये जाते हैं. जिससे स्टाफ को समय पर उनका भत्ता भुगतान नहीं होता है.

- जबलपुर सीएंडडबलू में पै. यार्ड में कर्मचारियों को ठेकेदार के सफाई कर्मचारियों के समान सेफ्टी जैकेट दिया जाता है व 24 घंटे ड्यूटी में दबाव डालकर पहनाया जा रहा है. इसमें न तो मैकेनिकल डिपार्टमेंट लिखा है, जैकेट को नाइट ड्यूटी में पहनने का आदेश दिया जाए, साथ ही कलर कोड बदला जाए. उक्त मांगों के अलावा अन्य कई मांगों को भी शीघ्र पूरा करने की मांग यूनियन ने की है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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