श्रीनगर. जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा का ऐलान होते हुए उनके घर के बाहर कुछ लोगों ने पथराव किया, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें खदेड़ दिया. इस बीच, डाउन-टाउन समेत ग्रीष्मकालीन राजधानी के विभिन्न हिस्सों में दुकानदारों ने पत्थरबाजों के डर से अपनी दुकानें बंद रखी, लेकिन स्थिति पूरी तरह सामान्य रही. प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर लखनपुर से लेकर कुपवाड़ा तक पूरे प्रदेश में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रखा ताकि किसी भी जगह शरारती तत्व कोई गड़बड़ी न कर सकें.
यासीन मलिक के मोहल्ले और अन्य संवेदनशील इलाकों में निगरानी के लिए पुलिस ने ड्रोन की मदद लेने के अलावा कई जगह इंटरनेट सेवाओं को भी कथित तौर पर बंद रखा. जेकेएलएफ के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को आज दिल्ली स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए की विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में 10 लाख के जुर्माने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई है.
श्रीनगर में विशेषकर लाल चौक के साथ सटे मैसूमा और डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी. किसी ने हड़ताल या बंद का ऐलान नहीं किया था, लेकिन दुकानदारों को डर था कि मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद उसके समर्थक हिंसा पर उतर सकते हैं. यह बंद सिर्फ दुकानों तक नजर आएगा, वाहनों की आवाजाही इससे कहीं भी प्रभावित नहीं हुई.
श्रीनगर के राजबाग, जवाहर नगर,बटमालू, रामबाग, छन्नपोरा समेत कई इलाकों में कोई दुकान बंद नहीं थी. वादी के अन्य कस्बों और शहरों में भी स्थिति पूरी तरह सामान्य रही. प्रशासन ने मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद हिंसा की आशंका से निपटने के लिए श्रीनगर समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त कर रखा था. मैसूमा जहां यासीन मलिक का घर है और डाउन टाउन के कुछ हिस्सों में हालात की निगरानी के लिए ड्राने की मदद भी ली गई. वादी में ही नहीं जम्मू प्रांत में भी सभी प्रमुख शहरों व कस्बों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रखा गया था. दोपहर बाद शाम चार बजे तक स्थिति पूरी तरह शांत रही.
किसी जगह कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ,लेकिन दिल्ली स्थित अदालत में जैसे ही मलिक के लिए सजा का एलान हुआ,मैसूमा में स्थिति तनावपूर्ण हो गई. मलिक समर्थकों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकालने का प्रयास किया. उन्होंने लालचौक की तरफ मार्च का प्रयास किया, लेकिन दशनामी अखाडा़ चौक के आगे तैनात सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने नारेबाजी कर रहे तत्वों को रोका. उन्होंने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों को वापस लौटने के लिए कहा. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरु कर दिया. स्थिति को बेकाबू होते देख सुरक्षाकर्मियों ने भी लाठियों व आंसूगैस का सहारा ले हिंसक तत्वों को वहां से खदेड़ स्थिति को काबू कर लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यासीन मलिक ने आतंकवाद से संबंधित मामले में आरोप स्वीकार किये, 19 मई को अगली सुनवाई
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