बेटी फ्रेंडली हो हमारी पंचायतें, नशा मुक्त गाँव को दिया जाएगा 2 लाख रुपये का पुरस्कार: सीएम चौहान

बेटी फ्रेंडली हो हमारी पंचायतें, नशा मुक्त गाँव को दिया जाएगा 2 लाख रुपये का पुरस्कार: सीएम चौहान

प्रेषित समय :09:48:08 AM / Tue, Jun 28th, 2022

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि समरस पंचायतों में नशा मुक्ति का अभियान चलाया जाए. नशा मुक्त गाँव को विशेष रूप से 2 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. ग्राम को नशा मुक्त बनाने के लिए आपसी बातचीत और विभिन्न प्रेरणास्पद गतिविधियों से वातावरण निर्मित किया जाए.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि हमारी पंचायतें बेटी फेंडली हों. समरस पंचायतों सहित सभी पंचायतों में बेटियों का मान, सम्मान और इज्जत बढ़े. बेटा-बेटी को बराबर माना जाए. माँ, बहन, बेटी की तरफ गलत नजर से देखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. समरस पंचायतों को अपने काम से पूरे देश में उदाहरण प्रस्तुत करना है. जनता की सेवा, गाँव का विकास, आँगनवाड़ी, स्कूल, पंचायत, सामुदायिक भवन का व्यवस्थित और परिणाममूलक संचालन हमारी प्राथमिकता हो. हम यह सुनिश्चित करें कि हमारी पंचायत में कोई बच्चा कुपोषित नहीं रहे.

सीएम चौहान मुख्यमंत्री निवास परिसर में निर्विरोध निर्वाचन द्वारा समरस पंचायतों का गठन करने वाले प्रतिनिधियों के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को निर्विरोध निर्वाचित करने वाले ग्रामवासियों का आभार माना. साथ ही उन्होंने नारी सशक्तिकरण को समर्पित गीत की ध्वनि के साथ दीप प्रज्ज्वलन तथा कन्या-पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. 

सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में 630 सरपंच, 157 जनपद पंचायत सदस्य और एक जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निवाज़्चित हुए हैं. किसी भी पंचायत में सरपंच का निर्वाचन निर्विरोध रूप से होने पर 5 लाख रूपए, सरपंच पद के लिए वर्तमान और पिछला निर्वाचन निरंतर निर्विरोध होने पर 7 लाख रूपए तथा सभी पंच और सरपंच निर्विरोध निर्वाचित होने पर 7 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. इसी प्रकार पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन होने पर पंचायत को 12 लाख रूपए और पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध होने पर पंचायत को 15 लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

सीएम चौहान ने कहा कि देश में सवज़्प्रथम मध्यप्रदेश में ही पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई. महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के साथ कर्मठता की कोई कमी नहीं है. इंदौर ने महिला महापौर के नेतृत्व में स्वच्छता के क्षेत्र में देश में कीर्तिमान स्थापित किया है. ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधि जनता की सेवा और गाँव के विकास में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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