शहडोल. मध्य प्रदेश के शहडोल में सोमवार को मेडिकल कॉलेज की लापरवाही से मानवता शर्मसार होती नजर आई. अस्पताल में उपचार के दौरान एक मां की मौत पर बेटों को जब शव वाहन नहीं मिला, तो वह उनके शव को लकड़ी से बांधकर 80 किमी दूर बाइक पर ले गए.
बताया जा रहा है कि मां की मौत के बाद बेटे शव वाहन के लिए मेडिकल कॉलेज में भटकते रहे, लेकिन उन्हें वह नहीं मिला. उन्होंने जब प्राइवेट शव वाहन वाले से बात की तो उसने 5 हजार रुपये मांगे. पैसा नहीं होने पर बेटों को मजबूरन मां के शव को बाइक पर ले जाना पड़ा.
इस घटना की तस्वीरें और वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. लोग इस घटना पर तरह-तरह से कमेंट कर रहे हैं. जानकारी के अनसुार मृतिका अनूपपुर के गोडारू गांव की रहने वाली थी. उसका नाम जयमंत्री यादव था. सीने में तकलीफ होने के कारण उनके बेटे सुंदर यादव ने उन्हें शहडोल के जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां उनकी हालत गंभीर हो गई. ये देख डॉक्टरों ने जयमंत्री को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. यहां उपचार के दौरान रविवार देर रात उनकी मौत हो गई. इसके बाद सुंदर ने जिला अस्पताल की नर्सों पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगाया और मां की मौत के लिए मेडिकल अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया.
जानकारी के अनुसार मां की मौत के बाद बेटे उनका शव ले जाने के लिए प्रबंधन से शव वाहन की गुहार लगाते रहे, लेकिन वह नहीं मिला. इसके बाद वे निजी शव वाहन वाले के पास गए तो उसने मृतिका के बेटों से 5 हजार रुपये मांगे. इतने रुपये उनके पास नहीं थे. इसके बाद उन्होंने मदद मिलने की उम्मीद छोड़ दी और अस्पताल के बाहर से 100 की लकड़ी की एक पट्टी खरीद लाए. उन्होंने जैसे-तैसे इस पट्टी से मां का शव बांधा और बाइक पर रखकर 80 किमी दूर शहडोल से अनूपपुर जिले के गुड़ारु ले गए.
वहीं बताया जा रहा है कि शहडोल मेडिकल कॉलेज के पास कोई शव वाहन नहीं है. इसके अलावा एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. 2 एम्बुलेंस दी गई हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण मरीजों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इस दौरान किसी ने घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए. अब ये वायरल हो गए हैं. लोग इन्हें देखकर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि ये स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है. जिसकी वजह से ये हुआ है उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. कई लोगों ने इस घटना को लेकर सरकारी व्यवस्था की आलोचना भी की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः एमपी में शराब को लेकर बेहतर फैसले की शुरुआत, कुछ और भी सुधार जरूरी!
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