पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सेन्ट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल के डाक्टर अश्वनी पाठक व उनकी पत्नी को जेल भेज दिया गया है. 24 घंटे की रिमांड पर की गई पूछताछ के दौरान एसआईटी को महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है, इन सारे दस्तावेजों को एसआईटी जुटाने में लग गई है. रिमांड के दौरान आरोपी पाठक दम्पति को एसआईटी आज उनके अस्पताल व होटल भी लेकर गई थी. जहां पर पूछताछ के दौरान कई जानकारी सामने आई है.
सूत्रों की माने तो केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने की साजिश डाक्टर अश्वनी पाठक ने ही रची थी. जिसके चलते उसने अपनी पत्नी दुहिता पाठक को शामिल किया. इसके बाद दलालों की एक बड़ी फौज को एकत्र की. जो ग्रामीण क्षेत्र व आसपास जिलों के ऐसे कम पढ़े लिखे लोगों को तलाश करती. जिनके आयुष्मान कार्ड बने हो और वे चंद रुपयों की लालच में वे अस्पताल में तब्दील होटल में रुकने के लिए तैयार हो जाते थे. खासबात तो यह है कि आयुष्मान योजना के तहत मरीज का इलाज तभी शुरु होता था जब एप्रुवल मिल जाता था, इसके बाद जांच होती थी. इसके बाद ही इलाज की अधिकतम राशि 5 लाख रुपए खाते में के्रडिट होती थी. पुलिस अधिकारी अब इस बात की जानकारी एकत्र कर रहे है कि आरोपी डाक्टर अश्वनी पाठक के लिए कौन अधिकारी एपु्रवल देता था. अभी तक कितना भुगतान डाक्टर अश्वनी पाठक के आयुष्मान योजना के तहत किया गया है. हालांकि 24 घंटे की रिमांड के दौरान एसआईटी के अधिकारी आज आरोपी पाठक दम्पति को सेन्ट्रल इंडिया किडनी अस्पताल व होटल वेगा लेकर गए थे. जहां से दोनों से पूछताछ करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्र किए गए है. जिनकी जांच में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होगें.
दो साल में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा-
खबर है कि आरोपी पाठक दम्पति ने करीब दो साल पहले आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि को पाने के लिए यह खेल रचा. सुनियोजित तरीके से किए जा रहे फर्जीवाड़ा में डाक्टर पाठक दम्पति ने करोड़ों रुपए क ा भुगतान शासन से प्राप्त किया है. एसआईटी ने इस मामले में सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के एकाउटेंट कमलेश्वर पटेल को भी गिरफ्तार किया है. वह भी इस फर्जीवाड़ा का एक बड़ा हिस्सा है, जिससे पूछताछ में कई अह्म जानकारी एसआईटी को मिली है. पुलिस जल्द ही मामले में बड़ा खुलासा करेगी.
दलालों की एक बड़ी फौज है डाक्टरों के पास-
खबर है कि अश्वनी पाठक ने फर्जीवाड़ा करने के लिए दलालों की एक बड़ी फौज तैयार की थी. जो जबलपुर व आसपास जिलों के ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को लेकर आती थी. इसके लिए डाक्टर अश्वनी पाठक द्वारा दलालों को खासा कमीशन भी दिया जाता रहा. खासबात यह भी है कि जबलपुर शहर के कई क्षेत्र है. जहां के मरीजों को एक हजार रुपए प्रतिदिन पर होटल में मरीज बनाकर रखा गया था. एसआईटी ने इन मरीजों की सूची भी तैयार करना शुरु कर दी है.
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