केरल हाईकोर्ट का आदेश: पत्नी के नाम लॉकर में रखे सोने के गहने पति को नहीं सौंपे जा सकते

केरल हाईकोर्ट का आदेश: पत्नी के नाम लॉकर में रखे सोने के गहने पति को नहीं सौंपे जा सकते

प्रेषित समय :11:34:07 AM / Tue, Feb 14th, 2023

तिरुवनंतपुरम. केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनाये गये अपने एक अहम आदेश में कहा है कि पत्नी के नाम पर लॉकर में रखे गए सोने के गहनों को पति या पति के परिवार को नहीं सौंपा जा सकता है और इसलिए तलाक की कार्यवाही के दौरान इसकी वसूली भी नहीं की जा सकती है. न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजित कुमार ने कहा कि पर्याप्त सबूत के अभाव में कि शादी के समय पत्नी को दिए गए सोने के गहने, जो कि उसके द्वारा अपने पति या ससुराल वालों को सौंपे गए थे, दहेज रोकथाम अधिनियम 1961 के तहत उसे वापस पाना संभव नहीं होगा.

केरल हाईकोटज़् परिवार अदालत के उस आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जहां पत्नी ने शादी टूटने के बाद पैसे और सोने के गहने वापस पाने के लिए याचिका दायर की थी. फैमिली कोटज़् ने माना था कि दहेज माने जाने के लिए सोने के दावे या उसे सौंपे जाने को दिखाने के लिए सबूत काफी नहीं थे. अपीलकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि चूंकि शादी के सिलसिले में पैसे और गहने सौंपे गए थे, इसलिए यह दहेज की राशि मानी जाएगी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इसके लिए सुबूत बहुत कम हैं, क्योंकि कानून द्वारा प्रतिबंधित होने की वजह से इस तरह का लेनदेन सार्वजनिक रूप से नहीं होता है.

हाईकोर्ट ने सबसे पहले इस सवाल पर विचार किया कि क्या दहेज के रूप में दिए गए पैसे और सोने के आभूषणों की वसूली के लिए डिक्री मांगी जा सकती है, क्योंकि इस तरह का लेनदेन कानून द्वारा प्रतिबंधित होने पर शून्य होगा. दहेज निषेध अधिनियम की धारा 7 के तहत दहेज लेना या देना प्रतिबंधित है. हालांकि अधिनियम की धारा 6 के तहत दहेज प्राप्त करने वालों पर इसे लाभार्थी को वापस देने का दायित्व है. अदालत ने पाया कि अधिनियम की धारा 6 का विधायी उद्देश्य यह था कि दहेज में संबंधित व्यक्ति को जो पैसे या गहने सौंपे गए हैं, उसकी वसूली करने में महिला सक्षम हो.

हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार जब यह तय हो जाता है कि सोने के गहने पत्नी द्वारा पति या उसके परिवार को सौंपे गए थे, तो इस बात के लिए सबूत पेश करना होगा कि गहनों का क्या हुआ. हालांकि मौजूदा मामले में सोने के गहने पत्नी के नाम एक लॉकर में रखे हुए थे. पत्नी का तर्क था कि बाद में इसे पति ने हड़प लिया. हालांकि सबूतों के अभाव में कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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