अभिमनोज. सरकारी कर्मचारी संगठनों ने एनएमओपीएस- नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले दिल्ली में अपनी ताक़त दिखाई और चेतावनी दी कि- अगर ओपीएस लागू नहीं होता है तो वोट की चोट से उसे हासिल किया जाएगा.
जाहिर है, यह चेतावनी आनेवाले लोकसभा-विधानसभा चुनाव 2023-24 में बीजेपी को भारी पड़नेवाली है.
याद रहे, कुछ समय पहले हुए हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ओपीएस बहाली प्रमुख मुद्दा था और इसने चुनाव में बड़ा असर दिखाया था.
खबरें हैं कि.... एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने मंच पर कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में चेतावनी दी कि- यदि सरकार ओपीएस लागू नहीं करती है तो कर्मचारी वोट की चोट से हक हासिल करेगा.
उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि- राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो सकती है, तो दुनिया में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने वाला भारत अपने कर्मचारियों को पेंशन क्यों नहीं दे सकता?
यदि सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल नहीं की तो आने वाले चुनाव में वोट फ़ॉर ओपीएस अभियान चलाकर पुरानी पेंशन बहाल कराएंगे.
पुरानी पेंशन के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारी को अनिवार्य पेंशन का अधिकार है और यह सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन का आधा हिस्सा होता है.
यही नहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारी को कार्यरत कर्मचारी की तरह ही महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की सुविधा भी मिलती है.
आश्चर्यजनक है कि अच्छे दिनों के जुमले उछालनेवाले राजनेता अपनी सुख-सुविधाओं-पेंशन से कोई समझौता नहीं करते हैं, लेकिन कर्मचारियों को उनका अधिकारों नहीं देते हैं!
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https://palpalindia.com/2023/10/01/delhi-Saheb-Safai-drama-sermon-Jumla-Rajasthan-sweeper-Chimanlal-Malot-Mahatma-Gandhi-tribals-news-in-hindi.html
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