MP के नए CM मोहन यादव का पहला आदेश, धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध, रामकृष्ण कुसमरिया को ओबीसी आयोग का बनाया अध्यक्ष

MP के नए CM मोहन यादव का पहला आदेश, धार्मिक स्थलों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध, रामकृष्ण कुसमरिया को ओबीसी आयोग का बनाया अध्यक्ष

प्रेषित समय :19:47:46 PM / Wed, Dec 13th, 2023
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पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी के नए CM मोहन यादव ने पद पर बैठते हुए पहला आदेश जारी किया है, जिसके चलते धार्मिक स्थलों सहित अन्य स्थानों पर नियमों के खिलाफ बजने वाले लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध होगा. इसके अलावा सीएम मोहन यादव ने पहली राजनीतिक नियुक्ति करते हुए रामकृष्ण कुसमरिया को पिछड़ा वर्ग आयोग का आयोग बनाया है. श्री कुसमरिया ने भी आदेश जारी होते ही पदभार सम्हाल लिया.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज शाम मंत्रालय पहुंचकर कार्यभार सम्हाला, इसके पहले उन्होने अपने कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना की, पूजा के समय उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला भी मौजूद रहे. साथ ही मुख्य सचिव वीरा राणा भी मौजूद रहीं. मोहन यादव शपथ ग्रहण के बाद सीधे उज्जैन पहुंचे और महाकाल का पूजन अर्चन किया. नए CM ने कहा कि शपथ ग्रहण करने के बाद बाबा महाकाल के दरबार में आया हूं. नया दायित्व मिला है बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने आया हूं. पीएम मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार MP में और प्रगति करेगी. गौरतलब है कि नए CM के आगमन पर महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह व नंदी हाल को पांच क्विंटल फूलों से सजाया गया, पहली बार किसी मुख्यमंत्री के लिए मान सरोवर से नगाड़ा गेट तक रेड कार्पेट बिछाया गया. महाकाल दर्शन करने से पहले मुख्यमंत्री यादव ने श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा जाकर सोला धारण किया. यहां विनीत गिरि महाराज ने उन्हें 145 तीर्थ स्थलों से एकत्रित जल और रुद्राक्ष की माला भगवान महाकाल के अभिषेक के लिए प्रदान कीं. गर्भगृह में पूजन के बाद मुख्यमंत्री वापस अखाड़ा पहुंचे. यहां उन्हें सीएम हाउस में लगाने के लिए भगवान महाकाल के शिखर की ध्वजा और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. रुद्राक्ष की माला पहनाई गई.

ध्वनि विस्तारक यंत्र को लेकर जारी आदेश-

मण्प्र में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर मण्प्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण विनियमन व नियंत्रण नियम 2000 के प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालयए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुकम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों  लाउड स्पीकर/डीजे आदि का उपयोग किया जा सकेगा.

तेज आवाज पर पूर्णत: प्रतिबंध-

लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है. राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जांच के लिये सभी जिलों में उडनदस्तों के गठन का निर्णय लिया गया है. उडऩ दस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहाँ ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है का निरीक्षण कर सकेगें. नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जांच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें.

लाउड स्पीकर हटाने के प्रयास होगें-

धर्मगुरूओं से संवाद व समन्वय के आधार पर लाउडस्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जायेगा तथा ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जायेगी. जहां उक्त नियमों-निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है तथा इसकी जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाकर 31/12/2023 तक पालन प्रतिवेदन गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये है.

नोडल अधिकारी नियुक्त होगें-

ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउड स्पीकरों/ डीजे आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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