नई दिल्ली. देश के दवा नियामक ने 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सर्दी-रोधी दवा संयोजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा है कि दवाओं को तदनुसार लेबल किया जाना चाहिए. यह कदम कफ सिरप से विश्व स्तर पर कम से कम 141 बच्चों की मौत के मद्देनजर उठाया गया है. नियामक निकाय ने शिशुओं के लिए एक अस्वीकृत सर्दी-रोधी दवा फॉर्मूलेशन के प्रचार के संबंध में चिंताओं को संबोधित किया. जिससे उस आयु वर्ग के लिए संयोजन का उपयोग करने के खिलाफ चर्चा हुई और बाद में सिफारिश की गई.
यह निर्देश 2019 के बाद से भारत में घरेलू स्तर पर उत्पादित विषाक्त कफ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौतों की एक श्रृंखला के बाद आया है. इन घटनाओं, जिनमें पिछले साल के मध्य से गाम्बिया, उज्बेकिस्तान व कैमरून में कम से कम 141 मौतें शामिल हैं. नियामक ने 18 दिसंबर को एक आदेश जारी किया. जिसका सार्वजनिक रूप से खुलासा किया गया है. जिसमें दवा निर्माताओं को अपने उत्पादों पर चेतावनी के साथ लेबल लगाना अनिवार्य है कि फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (एफडीसी) का उपयोग 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाए. विश्व स्वास्थ्य संगठन 5 साल से कम उम्र के बच्चों में खांसी व सर्दी के लक्षणों के इलाज के लिए ओवर-द-काउंटर खांसी सिरप या दवाओं के उपयोग की अनुशंसा नहीं करता है. भारत ने कफ सिरप निर्यात के लिए अनिवार्य परीक्षण लागू किया है और दवा निर्माताओं की जांच तेज कर दी है. इन उपायों के बाद भी जिन कंपनियों की कफ सिरप बच्चों की मौत से जुड़ी थीं. उन्होंने लगातार किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP : पूर्व सीएम शिवराज दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से मिले, नई भूमिका पर चर्चा
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