नई दिल्ली. टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेजी से बढ़ते हुए ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार लगातार तेजी से कदम उठा रही है. इस बीच केंद्र सरकार ने फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए 1.4 लाख मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया है. आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक जिन नंबरों को ब्लॉक किया गया वे वित्तीय धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए थे.
आपको बता दें कि हाल ही में वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में वित्तीय सेवा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा पर एक बैठक की गई. बैठक में इसमें एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस एकीकरण के जरिए नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी सूचना और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) मंच पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को शामिल करने समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
आपको बता दें कि डिजिटल दुनिया के तेजी से बढ़ते प्रसार के साथ साथ ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. हैकर्स और स्कैमर्स लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए नए नए तरीकों को अपना रहे हैं. इसी क्रम में अब सरकार भी सख्त हो गई है. बैठक में बताया गया कि सीएफसीएफआरएमएस मंच को राष्ट्रीय साइबर अपराध सूचना पोर्टल (एनसीआरपी) के साथ जोड़ा जाएगा. इसका एक बड़ा फायदा यह होगा कि बैंकों, पुलिस और वित्तीय संस्थाओं के बीच तालमेल कायम रहेगा. बैठक में इस बात की भी जानकारी दी गई है गलत इंटेंशन से भेजने वाले करीब 19,776 नंबरों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया गया है. इतना ही नहीं फ्रॉड को लेकर 500 से अधिक गिरफ्तारियां भी कई गई हैं.
आजकल स्कैमर्स कॉल के जरिए डिजिटल फ्रॉड को बढ़ावा दे रहे हैं. इसे रोकने के लिए सरकार की तरफ से फ्रॉड और स्कैम में शामिल रहने वाले करीब 3.08 लाख सिम को भी ब्लॉक किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक करीब 50 हजार आईएमईआई नंबर, 592 फर्जी लिंग और 2194 यूआरएल को भी ब्लॉक किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-व्हाइट पेपर को विपक्ष ने बताया झूठ का पुलिंदा, कहा-अपनी नाकामियों से ध्यान हटाना चाहती है मोदी सरकार
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