#WashingMachine भारतीय जनता पार्टी! संघ परिवार से मोदी परिवार तक का सफर?

#WashingMachine भारतीय जनता पार्टी! संघ परिवार से मोदी परिवार तक का सफर?

प्रेषित समय :22:00:58 PM / Sat, Apr 6th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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प्रदीप द्विवेदी. जनसंघ के कांग्रेसीकरण के नतीजे में जनता पार्टी बनी, तो संघ परिवार और दोहरी सदस्यता के सवाल पर जनता पार्टी से अलग होकर अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में जनसंघ फिर से भारतीय जनता पार्टी बन गया, लेकिन.... अटल-आडवाणी युग की विदाई के बाद अब एक बार फिर बीजेपी- गौहत्या कानून, चीन विरोधी स्वदेशी आंदोलन, सिद्धांत की राजनीति जैसे प्रमुख मुद्दों को ठंडे बस्ते में डालकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में कांग्रेसीकरण की राह पर आगे बढ़कर मोदी परिवार बन चुकी है?
मतलब.... दोहरी सदस्यता का मुद्दा समाप्त, संघ परिवार नहीं, मोदी परिवार कहिए!
सियासी इतिहास के पन्नें देखें तो.... पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के फिर से उदय के बाद 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा, तब बाबू जगजीवन राम की चिट्ठी ने सियासी धमाका किया, जिसमें हार के लिए जनसंघ को दोषी करार दिया गया, दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में निर्णय हुआ कि जनता पार्टी का कोई सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं हो सकता?
खबरों की मानें तो.... इसके बाद अटल-आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी का गठन 6 अप्रैल, 1980 हुआ!
याद रहे, 21 अक्टूबर 1951 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय ने जनसंघ की स्थापना की थी, सत्तर के दशक में इमरजेंसी के खत्म होने पर कांग्रेस से टूटकर निकले नेताओं ने जनता पार्टी बनाई, जिसमें जनसंघ को भी साथ ले लिया गया, लेकिन यह ज्यादा नहीं चली, दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर बीजेपी जनता पार्टी से अलग हो गई, बीसवीं सदी के अंत और एक्कीसवीं सदी की शुरूआत तक बीजेपी अटल-आडवाणी के नेतृत्व में सिद्धांत पहले, सत्ता बाद में, की नीति पर आगे बढ़ती रही, लेकिन इनके बाद मोदी-शाह ने इस नीति को- सत्ता पहले, सिद्धांत बाद में, में उलट दिया?
मोदी-शाह ने उपरी तौर पर संघ का चेहरा लगा लिया, लेकिन संघ के प्रमुख मुद्दों गौहत्या कानून, चीन विरोधी स्वदेशी आंदोलन, सिद्धांत की राजनीति आदि को ठंडे बस्ते में डालते हुए- सत्ता पहले, सिद्धांत बाद में की तर्ज पर बीजेपी का कांग्रेसीकरण कर दिया, यही नहीं, संघ मूल के लालकृष्ण आडवाणी जैसे कई बड़े और प्रमुख बीजेपी नेताओं को भी किनारे कर दिया!
इसी का नतीजा है कि इस बार चुनाव में बीजेपी के भ्रष्टाचारीकरण को लेकर वाशिंग मशीन का मुद्दा बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है?
देखना दिलचस्प होगा कि- संघ फिर से बीजेपी पर अपनी मजबूत पकड़ बना पाएगा या मोदीकरण के बाद बीजेपी संघ परिवार से मोदी परिवार में बदल जाएगी?

 

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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