कोटा. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) का शताब्दी वर्ष महोत्सव एवं अधिवेशन नई दिल्ली में 23-26 अप्रैल को सम्पन्न हुआ. जिसमें देश भर के एक लाख से अधिक रेल कर्मचारियों ने भाग लिया. जिसमें पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों रेल मंडलों कोटा, जबलपुर व भोपाल से लगभग 2 हजार से अधिक रेल कर्मचारियों ने महामंत्री काम. मुकेश गालव के नेतृत्व में भाग लिया.
यूनियन के सहा.महामंत्री नरेश मालव ने बताया कि अधिवेशन में भाग लेने के लिए ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन से सम्बद्ध सभी जोनल यूनियनों के पदाधिकारी एवं रेल कर्मचारी विशेष गाडिय़ों से नई दिल्ली पहुँचे. कर्मचारियों में इस अधिवेशन को लेकर विशेष उत्साह था, क्योंकि ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन देश का पहला फेडरेशन है, जिसने अपने स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण किये. यह प्रत्येक रेल कर्मचारी के लिए गर्व का विषय था. इसलिए सम्पूर्ण दिल्ली लाल झण्डों एवं उत्सव के माहौल में सराबोर थी.
अधिवेशन के पहले दिन 23 अप्रैल को तालकटोरा स्टेडियम में सुबह महिला कांफ्रेंस एवं दोपहर बाद यूथ कांफ्रेस का आयोजन किया गया. अधिवेशन के दूसरे दिन फेडरेशन की वर्किंग कमेटी मीटिंग करनैल सिंह स्टेडियम में आयोजित हुई, जिसमें आगामी रणनीति पर मंथन हुआ. इसके बाद अजमेरी गेट से विशाल रैली प्रारंभ हुई जिसमें भारी संख्या में लाल झण्डा लिए महिला एवं पुरूष रेल कर्मी जोरदार नारे लगाते हुए चल रहे थे. रेली करनेल सिंह स्टेडियम पहुँची जहाँ अधिवेशन का खुला सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि रेलवे बोर्ड की चैयरपर्सन एवं सीईओ श्रीमती जया वर्मा सिन्हा थी. विशेष अतिथि आईटीएफ के जनरल सेक्रेटरी स्टीफन कोटन एवं आईटीएफ रेल क्षेत्र के प्रमुख डेविड गोबे रहे तथा अध्यक्षता एआईआरएफ के अध्यक्ष डॉ.एन कन्हैया ने की. सभी वक्ताओं ने खुले सत्र में फेडरेशन के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए मजदूर आंदोलन में लाल झण्डे के योगदान एवं मजदूरों की मांगों को सही रूप से उठाकर उनका निराकरण कराने के लिए फेडरेशन की लीडरशिप को धन्यवाद भी दिया.
इन मांगों के प्रस्ताव किये पारित
अधिवेशन के तीसरे दिन 24 अप्रैल को तालकटोरा स्टेडियम में प्रतिनिधि सत्र प्रारम्भ हुआ जिसमें ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के महामंत्री कॉ. शिव गोपाल मिश्रा ने महांमत्री की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा फैडरेशन के डेलिगेट्स द्वारा विभिन्न प्रस्ताव पारित किये गये. जिसमें देश की सामाजिक आर्थिक परिदृष्य, रेल कर्मियों की 36 सूत्री प्रमुख लंबित मांगे, सुपरवाईजरो की वेतन संरचना का उन्नयन विसंगतियों को दूर करते हुए सभी कोटियों के पर्यवेक्षकों को शामिल करना, 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग का गठन, बिना किसी कटौती के सीसीएल का भुगतान, रेल कर्मचारियों को देय उत्पादकता से जुडे बोनस की वेतन सीमा में वृद्धि, एनपीएस को हटाकर सभी ओपीएस को लागू करना, रेलवे में ट्रेड यूनियन एवं फेडरेशनों की मान्यता के लिए गुप्त मतदान में हो रही असामान्य देरी तथा रेलवे उत्पादन ईकाईयों में आउट सोर्सिंग एवं निजीकरण बंद करना प्रमुख थे. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के महामंत्री कॉ. मुकेश गालव ने प्रस्ताव संख्या 2 रेल कर्मियों की 36 सूत्रीय प्रमुख लम्बित मांगों को सदन के समक्ष रखते हुए विस्तार से इन पर फेडरेशन का रुख स्पष्ट किया एवं कहा कि इनके निस्तारण होने तक लाल झण्डे से जुड़ा केडर शांत नहीं बैठेगा.
चुनाव हुए, काम. गालव पुन: एजीएस निर्वाचित
इस अवसर पर ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन की राष्ट्रीय कार्यकारणी के चुनाव भी सम्पन्न हुए जिसमें कॉ.शिव गोपाल मिश्रा को महामंत्री, डॉ.एन कन्हैया को अध्यक्ष एवं कॉ. जे.आर भौसले को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलॉईज यूनियन के महामंत्री कॉ.मुकेश गालव पुन: सहायक महामंत्री (एजीएस) के पद पर निर्वाचित हुए एवं कॉ.चम्पा वर्मा को एआईआरएफ का जोनल सेक्रेटरी चुना गया. कोटा मण्डल से ही कॉ.इरशाद खान एवं कॉ.नरेश मालव को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चुना गया.
अधिवेशन के चौथे व अंतिम दिन 26 अप्रैल को सिविक सेन्टर में ऑल इंडिया रेलवे पेंशनर्स वेलफेयर फेडरेशन का प्रथम अधिवेशन आयोजित किया गया. जिसमें सेवानिवृत रेलकर्मियों एवं उनके परिवारजनों के कल्याण हेतु सुविधाओं के विस्तार पर व्यापक चर्चा की गई. अधिवेशन में महामंत्री कॉ.मुकेश गालव की अगुवाई में पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मण्डल कोटा, भोपाल एवं जबलपुर से दो हजार से अधिक रेलकर्मियों ने भाग लिया, जिसमें बडी संख्या में महिला एवं युवा कर्मचारी शामिल थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-वंदे भारत ट्रेनों में अब मिलेगी आधे लीटर वाली पानी की बोतल, रेलवे ने इसलिए लिया फैसला
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