अमृतसर. यह कहानी उस जापानी बेटे की है जो 20 साल बाद भारत में रहने वाले अपने पिता से मिला. 20 वर्ष बाद बेटे ने अपने पिता को खोज निकाला. ये कहानी जापान के रिन ताकाहाटा की है. रिन ताकाहाटा अपने पिता से मिलने को लालायित था. उसके हाथ में मां और पिता की पुरानी तस्वीरें थीं. पंजाब के फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड पर वह अपने पिता की तलाश करते हुए जा रहा था. उसने सड़क के किनारे बैठे कुछ लोगों को पिता की तस्वीर दिखाई तो लोगों ने पहचान लिया.
लोगों ने उसे फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड के समीप लोहारका रोड पहुंचाया, जहां रिन ताकाहाटा का पिता सुखपाल सिंह रह रहा था. जैसे ही रिन पिता के घर पहुंचा तो सुखपाल उसे पहचान नहीं पाया. जब उसके हाथ में अपनी तस्वीर देखी तो आश्चर्यचकित रह गया. रिन ने जब बताया कि वह उनका बेटा है, तो सुखपाल व उनका परिवार हैरान रह गया. बेटे से इस प्रकार मिलन होगा, यह सुखपाल ने कभी सोचा न था. सुखपाल और रिन ने एक दूसरे को गले लगाया.
सुखपाल के अनुसार, साल 2001 में वह थाईलैंड में था. तब उसकी मुलाकात सची ताकाहाता से हुई थी. 2002 में सची ताकाहाता जापान चली गई और मैं भी वहां पहुंच गया. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली और जापान के चिबा केन में रहने लगे. यहां सची ताकाहाता ने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम रिन ताकाहाता रखा गया. इसके बाद सुखपाल और सची ताकाहता दोनों अलग हो गए. जैसे-जैसे समय बीतता गया, रिन अपने पिता के बारे में मां से पूछने लगा.
फिर उसे पता लगा कि उसके पिता भारत के पंजाब के जिला अमृतसर में है. बस फिर क्या था रिन ने अपने पिता से मिलने का मन बनाया. रिन के अनुसार वह ओसाका यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स का छात्र है. पिछले पंद्रह दिनों से अमृतसर की गलियों में घूम रहा है. फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड पर जब दुकानदारों को पिता की तस्वीर दिखाई तो मुझे उनके घर तक पहुंचाया गया.
रिन ने बताया कि कालेज में एक असाइनमेंट मिला था, जिसमें परिवार के बारे में खोजना था. मैं अपने मां के परिवार के विषय में तो जानता था, लेकिन पिता के बारे में जानकारी नहीं थी. इसके बाद से पिता को खोजना शुरू कर दिया. हालांकि इंटरनेट मीडिया पर पिता को काफी तलाश किया, पर सफलता नहीं मिली. 2003 में जन्मे रिन के अनुसार मां और पिता के बीच कुछ गलतफहमियां बनीं, जो दूरियों का कारण बनीं.
पिता सुखपाल के अनुसार, मैं 2007 में भारत लौट आया. यहां मैंने शादी कर ली. मेरी एक बेटी अवलीन पन्नू है. अवलीन पन्नू ने रिन की कलाई पर राखी बांधी. सुखपाल की पत्नी गुरविंदर जीत कौर ने भी उसका स्वागत किया. सुखपाल ने अपनी पत्नी सची से भी फोन पर बात की और उसे बताया कि रिन उसके पास है, इसलिए चिंता न करे. वहीं रिन ने कहा कि वह चाहता है कि मेरे मां— बाप एक बार जरूर मिलें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब में बेटे को लेकर ट्रेन के सामने कूदे पति-पत्नी, ट्रैक पर बिखरे मिले बॉडी पार्ट्स
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