अलवर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयं सेवकों को परिवार और समाज से जुड़े 5 सूत्र बताए. उन्होंने कहा- हम कहां पिछड़ रहे हैं, इसके बारे में चर्चा करने की जरूरत है. गरीब के साथ जुड़ाव रखें, उनको घर पर लेकर आएं और उनके घर पर भी जाएं. मोहन भागवत पांच दिन से अलवर प्रवास पर हैं. रविवार को वे सुबह 6.30 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंचे, यहां स्वयं सेवकों को संबोधित किया. स्वयं सेवक डॉ. राजकुमार गुर्जर ने भास्कर से कार्यक्रम में हुए भागवत के संबोधन को साझा किया.
भागवत ने कहा- हम सभी को परिवार के सदस्यों के बीच बैठकर बातचीत करते रहना चाहिए. शाम को खाना खाते समय एक साथ बैठे, ताकि सभी के मन की बात पता रहे. अपने गांव-ढाणी के गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने की सोच रखनी चाहिए. गरीब के घर भी जाना चाहिए. गरीब को भी अपने घर बुलाना चाहिए. समाज में समरसता का माहौल रहना चाहिए. हर तबके को साथ लेकर चलना चाहिए.
उन्होंने कहा- घर में क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए, इस पर परिवार में एक-दूसरे के विचार जरूरी हैं. दूसरा हम समाज के लिए क्या कर रहे हैं, इस पर विचार करने की जरूरत है. जिस राज्य में आप रहते हैं, उसकी वेशभूषा और खान-पान का पता रहना चाहिए. एक जगह शाखा लगाए, जिसमें हमें एक-दूसरे का पता रहना चाहिए. हम कहां पिछड़ रहे हैं, इसके बारे में चर्चा करने की जरूरत है.
भागवत ने कहा कि पिछड़ेपन को दूर करने के लिए हम सबको काम करने की जरूरत है. रण में जाए बिना भी देश सेवा की जा सकती है. अपनी कॉलोनी में सफाई करके भी देश सेवा कर सकते हैं. समाज को उन्नतिशील बनाए, चरित्र और शिक्षा को बेहतर बनाकर देश सेवा हो सकती है. उन्होंने कहा- देश में समरसता होनी चाहिए, हर व्यक्ति अपने आप को भारत का नागरिक समझे.
पौधे वृक्ष बने, इसकी सबको चिंता करने की जरूरत
भागवत ने पौधारोपण करने के बाद कहा कि ये लगाए गए पौधे वृक्ष बने, इसकी सबको चिंता करने की जरूरत है. आने वाली पीढ़ी को यह एक विशेष सौगात होगी. हमने प्रकृति से खूब लिया है, अब प्रकृति को भी संवारने की जरूरत है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और प्रदेश सरकार में वन मंत्री संजय शर्मा भी मौजूद थे. क्रस्स् प्रमुख ने यहां 11 पौधे लगाए गए हैं. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा- भूरासिद्ध वन क्षेत्र को मातृवन के रूप में विकसित किया जा रहा है. वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा- 4 अगस्त को मातृवन की शुरुआत की गई थी, तब 8 हजार पौधे लगाए गए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-