मेमू ट्रेन के कई रैक भोपाल मंडल पहुंचे, जबलपुर से फिलहाल चलाने की संभावना नहीं

मेमू ट्रेन के कई रैक भोपाल मंडल पहुंचे, जबलपुर से फिलहाल चलाने की संभावना नहीं

प्रेषित समय :17:44:17 PM / Tue, Mar 16th, 2021

जबलपुर. पैसिंजर ट्रेन की जगह मेमू ट्रेन चलाने की कवायद परे प्रशासन ने शुरू कर दी है. फिलहाल इसके कुछ नये रैक भोपाल मंडल के बीना पहुंच गये हैं, जहां पर मेमू का मेंटिनेंस डिपो बनाया गया है. इस मेमू रेक को भोपाल मंडल में ही भोपाल-बीना-भोपाल और भोपाल-इटारसी-भोपाल के बीच ही चलाने की चर्चा हैं. इस मेमू ट्रेन संचालन के मामले में फिलहाल जबलपुर पिछड़ता नजर आ रहा है.

बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड ने पश्चिम-मध्य रेलवे को मेमू ट्रेन चलाने के लिए  नए रैक आवंटित कर दिए हैं. इनमें से दो रैक बीना स्थित मेमू शेड पहुंच गए हैं. बाकी के रैक भी शीघ्र मिल जाएंगे. इन रैक से भोपाल-इटारसी, रूठियाई-मक्सी और गुना-ग्वालियर के बीच लोकल मेमू ट्रेनें चलेंगी. ये सभी नई लोकल मेमू ट्रेनें होगी. भोपाल से बीना के बीच पूर्व से एक मेमू ट्रेन चल रही है, जिसे कोरोना संक्रमण के कारण बंद कर दिया था. इसका पुन: संचालन जल्द ही शुरू किया जाएगा.

पमरे मुख्यालय में चल रहा संचालन पर मंथन

सूत्रों के मुताबिक मेमू रैक को किन-किन मंडल के किन-किन स्टेशनों के बीच चलाया जाए, इसको लेकर पमरे मुख्यालय मेें परिचालन-वाणिज्य विभाग के अफसरों  के बीच विचार-मंथन चल रहा है. लेकिन सूत्रों की माने तो प्रथम चरण में जबलपुर मंडल  को शायद ही मेमू ट्रेन का लाभ मिल सके, क्योंकि जो योजना  बनाई जा रही है, उसमें भोपाल व कोटा मंडलों का इस ट्रेन के लिए भारी दबाव है.

3 से 4 घंटों की दूरी के शहरों के बीच चलना है

बताया जाता है कि मेमू ट्रेन को चलाने की जो मंशा है, उसके मुताबिक इस ट्रेन को  3 से 4 घंटों की दूरी पर पडऩे वाले शहरों के बीच चलाया जाना है, जैसे जबलपुर से नरसिंहपुुर-इटारसी, जबलपुर-कटनी-सतना, कटनी-सागर-बीना, जबलपुर-कटनी-सागर शामिल हैं.

ये होगा फायदा

- पैसेंजर ट्रेनों की गति मेमू की तुलना में अपेक्षाकृत कम होती है. मेमू स्टेशनों पर रुकने के बाद जल्द रफ्तार पकड़ लेती हैं. पैसेंजर ट्रेनों को रुकने और गति पकडऩे में समय लगता है. इस वजह से ये अपनी यात्रा जल्द पूरी नहीं कर पाती हैं.

- लोकल मेमू सभी छोटे स्टेशनों पर ठहराव लेकर चलेंगी.

- ये ट्रेनें दोनों छोर से चलने में सक्षम होती है. इनके दोनों छोर पर इलेक्ट्रॉनिक इंजन लगे होते हैं. इस वजह से बार-बार इंजन बदलने की नौबत नहीं है. समय की बचत होती है.

- रैक के मेंटेनेंस की जरुरत कम होती है.

बीना में होगा मेंटेनेंस

अभी इनका मेंटेनेंस गुजरात के बड़ोदरा में होता है. जब भी भोपाल से बीना के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन के रैक में खराब आती थी, तब बड़ोदरा से तकनीकी टीम को ठीक करने के लिए बुलाया जाता था. अब बीना में शेड बनने से रैक तुरंत ठीक किए जा सकेंगे.

पैसेंजर ट्रेनों की जगह लेंगी

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की माने तो मेमू ट्रेनें पैसेंजर ट्रेनों की जगह लेंगी. अभी लंबी दूरी तक पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं.

इनका कहना....

- मेमू के कुछ रैक पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में पहुंच गये हैं, इन्हें कहां-कहां पर चलाना है, अभी यह तय नहीं है, इस पर विचार-विमर्श करके योजना बनाई जा रही है.

- राहुल जयपुरियार, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, पमरे, जबलपुर.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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