जबलपुर. मध्य प्रदेश की जबलपुर पुलिस ने ऐसे अंतर राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा है, जो नए तरीके से ठगी करता है, एटीएम से पैसा निकलने के बाद वे ट्रांजेक्शन को मशीन का स्विच ऑफ कर फेल करा देते थे. बैंक के कस्टमर केयर पर ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायत दर्ज कराकर पैसे वापस करा लेते थे. एसबीआई को तीन दिन में 92.35 लाख रुपए की चपत लगाने वाले दोनों आरोपियों से पुलिस ने 86 विभिन्न बैंकों का एटीएम जब्त किए हैं.
जानकारी के अनुसार ओमती पुलिस ने मामले में हरियाण के मेवात जिले के हिंगनपुर निवासी इंजमाम उल हक (24) और वहीं के शाकिर हुसैन (30) को गिरफ्तार किया है. गिरोह का सरगना हिंगनपुर निवासी मोहम्मद हुसैन है. वह पहले एटीएम मशीन बनाने वाली कंपनी में काम कर चुका है और इसके फीचर के बारे में उसे पता है. मोहम्मद हुसैन के अलावा अजरूद्दीन और नागल निवासी शमीम भागने में सफल रहे.
आरोपियों के पास से ये हुआ जब्त
एसआई सतीश झारिया के मुताबिक गिरफ्त में आए दोनों आरोपियों के पास से 11 हजार 500 रुपए नकद, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, व तीन मोबाइल और 86 एटीएम कार्ड मिले हैं. इसमें केनरा के चार, आईडीएफसी बैंक के 5, यश बैंक के 1, एचडीएफसी बैंक के 10, कोटक बैंक के 4, आईडीबी बैंक के 13, पीएनबी के 9, एक्सिस बैंक के 8, एसबीआई के 11, फिन केयर के 3, फेडरेल के 2, यूनियन के 3, बैंक ऑफ बड़ौदा के 3, आईसीआईसीआई बैंक के 2 और इलाहाबाद, यूनियन, सेंट्रल, ओरिएंटल, यूक्विटल, विजया, पेटीएम व एयू के 1-1 एटीएम जब्त किए हैं.
10-10 हजार रुपए देकर गांव के लोगों का जुटा लिया था एटीएम
पुलिस के मुताबिक आरोपी काफी शातिर हैं. एटीएम मशीन में काम कर चुके मोहम्मद हुसैन को मशीन के फीचर के बारे में सब पता था. उसने ही अन्य चारों को साथ लेकर मशीन को धोखा देकर कमाई का ऑफर दिया था. आरोपियों ने अपने नाम से कई बैंकों में खाते खुलवाए हैं. इसके अलावा वे गांव के लोगों का भी एटीएम 10 हजार रुपए देकर ले लिए थे. फिर उसके खाते में पैसा डाल देते हैं.
इस तरह ट्रांजेक्शन फेल करते थे
आरोपी ऐसा एटीएम तलाश करते थे, जिसमें पास में ही पावर बोर्ड हो. आरोपी एटीएम मशीन में दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करते थे. एक साथ दो आरोपी केबिन में रात में जाते थे. एक एटीएम से पैसे निकालता था और दूसरा बिजली बोर्ड के पास खड़ा रहता था. जैसे ही मशीन से पैसे ट्राली से बाहर आते थे, वे पैसा रोककर रखते थे और उसी दौरान दूसरा साथी बोर्ड से मशीन का बिजली कट कर देता था. इसके बाद वे पैसा निकाल कर फिर मशीन को चालू कर देते थे. ऐसा करने पर मशीन के सिस्टम में ट्रांजेक्शन फेल बताता है. इसके बाद आरोपी कस्टमर केयर में कॉल कर ट्रांजेक्शन फेल होने और खाते से पैसा कटने की शिकायत करते थे. 6-7 दिनों में उनके खाते में पैसा वापस आ जाता था.
एसबीआई को ही 92.35 लाख रुपए की चपत लगाई है
आरोपियों ने एसबीआई को 92.35 लाख की चपत लगाई है. आरोपी एसबीआई के एटीएम बूथ में एक्सिस बैंक का एटीएम कार्ड प्रयोग कर पैसे निकाले थे. एसबीआई बैंक के हरीश कुमार दयारमानी ने लगातार तुलाराम एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन फेल को लेकर राइट टाउन माडल रोड स्थित एक्सिस बैंक से संबंधित एटीएम कार्ड होल्डर के बारे में जानकारी मांगी. एक्सिस बैंक ने डिटेल दिया तो इस फ्रॉड की तह तक बैंक वाले पहुंचे. आरोपी दो अप्रैल से लगातार इसी तरह एटीएम से ट्रांजेक्शन फेल कर रहे थे.
ऐसे आए पुलिस के गिरफ्त में
ओमती क्षेत्र के तुलाराम चौक स्थित एसबीआई के एटीएम में 14 अप्रैल की रात में अचानक अलार्म बजा. उस समय बैंक कर्मी अंदर पेंडिंग काम निपटा रहे थे. बाहर निकले तो कुछ युवक तेजी से भाग निकले. सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो एटीएम में दोनों आरोपी दिखे. वे ट्रांजेक्शन के बाद मशीन के बगल में लाइट बॉक्स खोलकर तार खींच रहे थे. तभी अलार्म बज गया था. इसकी सूचना पर डायल-100 भी पहुंच गई. इसके बाद ओमती पुलिस ने दोनों को दबोच लिया.
हरियाणा में ट्रांजेक्शन फेल होने पर नहीं होता पैसा रिफंड
गिरफ्त में आए दोनों आरोपी इंजमाम और शाकिर हुसैन ने पुलिस को बताया कि हरियाणा में इस तरह की ठगी के बाद बैंकों ने ट्रांजेक्शन फेल होने पर पैसे लौटाना बंद कर दिया है. इसके अलावा उसके गांव के कई युवक पकड़े भी गए थे. इस कारण ये हरियाणा को छोड़कर दूसरे राज्यों व शहरों में अपनी वारदात को अंजाम दे रहा था. इससे पहले इस गिरोह ने जयपुर, अहमदाबाद, गुडगांव, यूपी के कई शहरों में इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. ठगी की रकम सभी आरोपी आपस में बराबर बांटते थे.
सभी एटीएम से संबंधित खाते के लेन-देन पर रोक
इस ठगी के सामने आने के बाद जब्त 86 एटीएम से जुड़े बैंक खातों में जमा राशि के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है. वहीं फरार तीनों आरोपियों की तलाश में जल्द ही एक टीम हरियाणा के मेवात जाएगी. गिरफ्त में आया इंजमाम उल हक 12वीं के साथ आईटीआई किया है. वहीं शाकिर हुसैन ने बीए तक की पढ़ाई की है. आरोपियों के गांव के आसपास के कई गांव के युवक इसी तरह की ठगी करने में उस्ताद बन गए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर के रामपुर स्थित विद्युत कंपनियों के चिकित्सालय को बनाया गया कोविड सेंटर
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