नई दिल्ली. देश में कोरोना की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है. देश में जितनी तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से मृतकों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है. कोरोना से होने वाली मौत की भयावह स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. कोरोना के कारण नौकरी चली जाने पर एक शख्स ने अब अंतिम संस्कार करने का जिम्मा उठा लिया है. बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान एक शख्स की नौकरी चली गई थी. जब घर में रखे पैसे भी खत्म हो गए तो शख्स अपने पूरे परिवार के साथ श्मशान घाट पर रहने लगा. बता दें कि अब वह यहीं पर रखकर कोरोना से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभा रहा है. इस काम में उसकी पत्नी भी उसका पूरा साथ दे रही है.
गुजरात के वड़ोदरा स्थित श्मशान घाट पर महाराष्ट्र के कन्हैयालाल शिर्के अपने परिवार के साथ रहते हैं. कन्हैयालाल ने कहा कि लॉकडाउन में जब मेरी नौकरी चली गई तो मैं शिर्के श्मशान घाट पर आ गया. यहां पर मैंने देखा कि लोग कोरोना से जान गंवाने वालों के शवों को छूने से भी डरते हैं. मैं इन लोगों का दर्द तो कम नहीं कर सकता लेकिन उनके परिजनों की अंतिम विदाई जरूर दे सकता हूं.
कन्हैयालाल महाराष्ट्र से रोजी रोटी कमाने वड़ोदरा आए थे. उसकी पत्नी महाराष्ट्र के मुंबई में ही कुछ छोटा मोटा काम करती थीं. कुछ समय पहले ही कन्हैयालाल की पत्नी वड़ोदरा गई थीं. इसी दौरान लॉकडाउन लग गया और कन्हैयालाल की नौकरी चली गई. कन्हैयालाल शिर्के पिछले एक साल से वड़ोदरा के वासना गांव के श्मशान घाट में रह रहे हैं और कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार की सभी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं.
पेंटिंग किया करते थे कन्हैयालाल
कन्हैयालाल महाराष्ट्र से गुजरात के वडोदरा में पेंटिंग का काम किया करते थे. एक साल पहले कन्हैयालाल की कोरोना में लगे लॉकडाउन में नौकरी चली गई. कुछ दिन उन्होंने मेहनत मजदूरी की, लेकिन उससे गुजारा कर पाना बेहद मुश्किल हो गया. इस बीच उसकी पत्नी और बच्चे भी वड़ोदरा आ गए. ऐसे समय में उनके पास न तो नौकरी थे और न ही रहने का ठिकाना. इसके बाद कन्हैयालाल शिर्के ने वड़ोदरा के वासना गांव के श्मशान घाट पर रहने का मन बना लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-स्मृति शेष: इक तारा ना जाने कहां छिप गया...
स्मृति शेषः डॉ देवेंद्र इंद्रेश नहीं रहे....
रहस्य रोमांच: भविष्य भी बताती है तिब्बत की एक झील!
रहस्य रोमांच: संसार की विचित्र चोरियाँ!
रहस्य रोमांच: नक्कारे में प्रेतात्मा!
Leave a Reply