नई दिल्ली. देश की जीवन रेखा को चलायमान रखने में चौबीसों घंटे पूरी मुस्तैदी से जुटे लाखों रेल कर्मचारियों व उनके परिजनों को महामारी कोरोना से बचाव के लिए एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे अपने आप में सक्षम है कि वह अपने खर्चे से ही सभी रेल कर्मचारियों व उनके परिजनों का टीकाकरण करा सके. इसलिए इस मामले में तत्काल निर्णय लिया जाए.
इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम जिम्मेदार पिछले सवा साल से कोरोना महामारी के दौर में रेल कर्मचारियों की लगन, कत्र्तव्यनिष्ठा व अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सप्लाई चैन व प्राण वायु ऑक्सीजन की सतत् आपूर्ति सुनिश्चित करने के काम में प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन इन लाखों रेल कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन प्राथमिकता के आधार पर लगवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तो राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट कह दिया है कि रेल कर्मचारियों को फ्रंट लाइन वर्कर नहीं घोषित करें.
एआईआरएफ महामंत्री ने रेल मंत्री को लिखा लेटर
एआईआरएफ के एजीएस श्री गालव ने बताया कि इस मामले को अब एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने रेलमंत्री पीयूष गोयल के ध्यान में लाते हुए पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का गत 15 15.05.2021 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखा पत्र जिसमें प्राथमिकता वाले टीकाकरण के उद्देश्य से रेलकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में शामिल नहीं करने के निर्देश जारी किए हैं. यह पत्र उन रेलवे कर्मचारियों के लिए अत्यधिक दुखद और मनोबल गिराने वाला है, जो चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, ताकि देश भर में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में मालगाडिय़ों, समय सारिणी पार्सल का संचालन करने में लगे हैं. इस कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान इस जीवन रक्षक गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विशेष रूप से ट्रेनों, विशेष यात्री ट्रेनों के साथ-साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी चला रहे हैं.
अपने खर्चे से कराया जाए वैक्सीनेशन
एआईआरएफ महामंत्री श्री मिश्रा ने कहा कि अभी तक एक लाख से अधिक रेलकर्मी इस संक्रामक रोग से संक्रमित हो गए और दो हजार से अधिक की जान भी चली गई. यह आंकड़ा सेवानिवृत्त रेलकर्मियों और सेवारत और सेवानिवृत्त रेलकर्मियों के परिवार के सदस्यों के अलावा है. लोगों को दिए जा रहे टीकों ने इस बीमारी से बचाव के लिए कुछ आशा की किरण दिखाई है. इसलिए, एआईआरएफ नियमित रूप से रेल मंत्रालय से रेलकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के समान व्यवहार करने के लिए टीकाकरण कराने पर जोर दे रहा है. उन्होंने कहा कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे नियमित अनुनय, शीर्ष स्तर तक, आपके स्वयं सहित, अभी तक कोई संतोषजनक परिणाम नहीं मिला है. श्री मिश्रा ने कहा कि रेल मंत्रालय को चाहिए कि वह दूसरे विभाग का मुंह देखने की बजाय स्वयं अपने खर्चे पर सभी रेल कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराने पर ध्यान दे, जैसा कि अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है. यदि यह निर्णय लिया जाता तो रेल कर्मचारियों का विश्वास विभाग पर और बढ़ेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पमरे के 18+ कर्मचारियों का भी होगा वैक्सीनेशन, डबलूसीआरईयू ने की थी मांग
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