नजरिया. भारत के संविधान में जो जनता को अधिकार दिए गए हैैं, जो सरकार के कर्तव्य हैं उन्हें भी सरकारी अहसान की तरह पेश करने का मोदी सरकार का अंदाज लाजवाब है.
खबरें हैं कि कोरोना वायरस के चलते अपने माता-पिता को खोकर अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए मोदी सरकार ने मुफ्त शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक की अनेक घोषणाएं की हैं, जिस पर व्यंग्यबाण चलाते हुए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा- मोदी सरकार का एक और मास्टर स्ट्रोक! इस बार कोविड के चलते बर्बाद हुए बच्चों के लिए सहानुभूति और देखभाल को नए तरीके से परिभाषित किया गया है.
अभी सहायता मिलने की जगह, बच्चों को 18 वर्ष की आयु में स्टाइपेंड के वादे के से सकारात्मक महसूस करना चाहिए.
मुफ्त शिक्षा के वादे के लिए पीएम केयर्स के आभारी रहें, जो कि संविधान में गारंटीकृत अधिकार है.
आयुष्मान भारत में नामांकित होने के आश्वासन के लिए पीएमओ का धन्यवाद कीजिए, जो कि 50 करोड़ भारतीयों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर केवल बेड, ऑक्सीजन भी प्रदान करने में असफल रहा है!
याद रहे, पीएम मोदी ने कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए सरकार के ऐलान को बताते हुए एक ट्वीट किया था, उसी पर प्रशांत किशोर ने निशाना साधा है, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था- हमारे देश के भविष्य का समर्थन! कोविड-19 के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया. सरकार इन बच्चों की देखभाल करेगी, उनके लिए सम्मानजनक जीवन और अवसर सुनिश्चित करेगी. पीएम केयर बच्चों को शिक्षा और अन्य सहायता सुनिश्चित करेगा.
इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए देश की दयनीय हालत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था, इतना ही नहीं, उन्होंने लोगों से मोदी सरकार के अंधभक्त नहीं बनने की अपील भी की थी.
खबरों की माने तोे प्रशांत किशोर का कहना था कि- हमारे चारों ओर एक शोकग्रस्त राष्ट्र और त्रासदी मची हुई है, ऐसे में गलत प्रचार को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास घृणित है, सकारात्मक होने के लिए हमें सरकार के अंधे प्रचारक बनने की जरूरत नहीं है!
सियासी सयानों का मानना है कि पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार बड़े-बड़ेे वादे, बड़े-बड़ेे दावेे तो खूब करती रही है, लेकिन हकीकत में ज्यादातर फिल्मी डायलाग ही साबित हुए हैं?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Another typical #MasterStroke by #ModiSarkar this time redefining EMPATHY and CARE for children ravaged by #Covid and its catastrophic mishandling
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) May 30, 2021
- Instead of receiving much needed support NOW, the children should feel POSITIVE about a PROMISE of stipend when they turn 18 (1/2) https://t.co/6m4uu16YWM
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