नजरिया. एबीपी न्यूज-सी वोटर ने नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के कामकाज, चुनाव प्रचार, कोरोना संकट से सरकार के निपटने जैसे सवालों को लेकर सर्वे किया है.
इसमें खास ध्यान देने योग्य यही है कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना है. सर्वे में भाग लेने वाले 44 प्रतिशत शहरी लोगों ने इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है, तो वहीं ग्रामीण भारत में 40 प्रतिशत लोगों का भी मानना है कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कोरोना से निपटना ही है.
यही नहीं, सर्वे में शामिल पचास प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीएम मोदी के चुनाव प्रचार को भी गलत करार दिया, तो ज्यादातर लोगों की राय यह रही कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच राज्यों की विधानसभाओं और पंचायत चुनावों को नहीं कराया जाना चाहिए था.
कोरोना के अलावा कृषि कानूनों और किसानों के मुद्दे को शहरी क्षेत्रों में 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत लोगों ने मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया.
हो सकता है, कुछ समय बाद फिर कोई सर्वे आए जिसमें कोरोना और किसान आंदोलन, दोनों मोर्चों पर मोदी सरकार को सफल करार दिया जाए, लेकिन सच्चाई को सर्वे से बदला नहीं जा सकता है, यह कुछ समय पहले ही पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में साफ नजर आया था, जब सर्वे बीजेपी को 200 सीटों के करीब पहुंचाने की ताकत लगा रहे थे, जबकि बीजेपी 100 सीटें भी हासिल नहीं कर पाई!
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः सिंधिया, सचिन, आजाद ने पाया कम, खोया ज्यादा?
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