प्रदीप द्विवेदीः क्या पेगासस जांच में देरी का मकसद डेटा साफ करना है?

प्रदीप द्विवेदीः क्या पेगासस जांच में देरी का मकसद डेटा साफ करना है?

प्रेषित समय :21:55:34 PM / Wed, Jul 28th, 2021

न्यूज-व्यूज. स्पाइवेयर पेगासस के जरिए फोन की जासूसी मामले में इधर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है, तो उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने एक जांच आयोग का गठन किया है.

खबरों पर भरोसा करें तो राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के अनुसार यह आयोग जासूसी मामले की जांच करेगा और यह पता लगाएगा कि इसके जरिए जुटाई गई जानकारियों का उपयोग किस तरह से किया गया.

इजराइल की कंपनी एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए केंद्रीय मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, कारोबारियों, महत्वपूर्ण पदों पर बैठे सरकारी अधिकारियों आदि की जासूसी किए जाने के आरोप लग रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार इसकी जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, बल्कि जांच को टालने का प्रयास कर रही है, क्यों?

क्या पेगासस जांच में देरी का मकसद डेटा साफ करना है?

उधर, बीबीसी न्यूज की खबर.... पेगासस बनाने वाली इसराइली कंपनी ने कहा- दुर्घटना की दोषी कार कंपनी नहीं, नशा करने वाला ड्राइवर होगा, में जो जानकारियां दी गई हैं, वे चौंकाने वाली हैं और इसमें दी गई जानकारियों को देखें, तो लगता है कि जांच करके भी सही जानकारी हांसिल करना इतना आसान नहीं है? और, यदि जांच में देरी होती है, तो सच्चाई सामने आए, इस पर भी सवालिया निशान है?

खबर के अनुसार- एनएसओ ग्रुप का कहना है कि उसे बताया गया कि ये लिस्ट कंपनी के साइप्रस सर्वर को हैक करके हासिल की गई.

लेकिन, कंपनी के प्रवक्ता ने बीबीसी से बातचीत में यह भी कहा कि- पहली बात तो ये कि साइप्रस में हमारा कोई सर्वर नहीं है और दूसरी ये कि हमारे पास हमारे ग्राहकों का कोई डेटा नहीं रहता.

कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि वो नियमित रूप से इसकी जांच नहीं करते कि किसे लक्षित किया गया है, लेकिन कंपनी के पास ऐसा करने का सिस्टम मौजूद है.

खबर के अनुसार- बताया गया है कि जिन लोगों के मोबाइल नंबर इस लिस्ट में हैं, उनमें से 67 लोग अपना फोन फ्रांसीसी मीडिया संस्थान- फॉरबिडन स्टोरीज, को फॉरेंसिक जांच के लिए देने को तैयार हो गये थे.

इनमें से 37 लोगों के फोन में एमनेस्टी इंटरनेशनल सिक्योरिटी लैब्स को पेगासस स्पाइवेयर द्वारा संभावित रूप से टारगेट बनाये जाने के सबूत मिले हैं.

लेकिन, एनएसओ ग्रुप का कहना है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है कि सूची में दिये गए कुछ मोबाइल फोनों में स्पाइवेयर के अवशेष कैसे हैं? कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि ये महज एक संयोग हो सकता है!

देखना दिलचस्प होगा कि भारत में जासूसी महज संयोग है या प्रयोग?

https://www.bbc.com/hindi/international-57944498
https://palpalindia.com/2021/07/27/delhi-Pegasus-spying-Modi-government-questions-and-answers-news-channel-Supriya-Shrinet-news-in-hindi.html
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1418471540707008515
https://twitter.com/Swamy39/status/1418501313822814210
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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