बेंगलुरु. कर्नाटक दुग्ध महासंघ ने आंध्र प्रदेश में आंगनबाड़ियों को दूध की आपूर्ति करने में असमर्थता जताई है. महासंघ ने कहा है कि सप्लाई तब तक नहीं होगी, जब तक आंध्र प्रदेश की तरफ से 130 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया जाता और कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि नहीं की जाती. अगर कर्नाटक से दूध की सप्लाई ठप हो जाती है तो संपूर्ण पोषण योजना के तहत छह साल से कम उम्र के 20 लाख से अधिक बच्चे पौष्टिक भोजन से वंचित हो सकते हैं.
आंध्र प्रदेश सरकार नंदिनी ब्रांड के तहत KMF से हर महीने 110 लाख लीटर अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध खरीद रही है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले चार महीनों से राज्य सरकार ने केएमएफ को कोई भुगतान नहीं किया है. बकाया राशि अब 130 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. यहां तक कि दूध की कीमत में संशोधन पर भी विवाद छिड़ गया है.
केएमएफ जून 2020 में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ एक समझौते के तहत वास्तविक लागत से कम 5 रुपये प्रति लीटर चार्ज कर रहा था, क्योंकि सपूर्ण पोषण योजना एक महान सामाजिक कार्य है. इस साल फरवरी में केएमएफ ने खरीद मूल्य में वृद्धि, डीजल की कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुए दूध की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की मांग की थी. हालांकि आंध्र प्रदेश सरकार ने अनुरोध किया कि अग्रिम भुगतान की जगह पुरानी कीमत को मई 2021 तक जारी रखा जाए.
उन्होंने कहा कि हम आंध्र प्रदेश के प्रस्ताव से सहमत नहीं थे, हमने आंध्र प्रदेश डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन (दर बढ़ाने के लिए) के मौखिक आश्वासन पर पुराने मूल्य पर दूध की आपूर्ति जारी रखी. केएमएफ के प्रबंध निदेशक बीसी सतीश ने आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव प्रवीण प्रकाश को एक पत्र में लिखा कि हम आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव से सहमत नहीं थे, फिर भी हमने आंध्र प्रदेश डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन (दर बढ़ाने के लिए) के मौखिक आश्वासन पर पुराने मूल्य पर दूध की सप्लाई जारी रखी, क्योंकि ये एक नेक और सामाजिक कार्य है. कई पत्रों और बैठकों के बावजूद दूध सप्लाई की कीमत को संशोधित नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के दूध संघों को उच्च लागत लागत के कारण भारी नुकसान हो रहा है. साथ ही ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. केएमएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा दुग्ध संघों ने हमें सूचित किया है कि वे मौजूदा कीमत पर दूध की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में डेयरी किसान बहुत कठिनाई से गुजर रहे हैं और दूध संघों ने को सूचित किया कि वे एपी आंगनवाड़ियों को दूध की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे, जब तक कि कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी नहीं की जाती. ऐसे में हमारी मांग है कि आंध्र प्रदेश सरकार तुरंत 130 करोड़ रुपये और दुग्ध संघों को 2.33 करोड़ रुपये सीधे चुकाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-साउथ एक्टर पुनीत राजकुमार का हुआ निधन, कर्नाटक में लागू की गई धारा 144
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