लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हो रहे चुनावों में ‘एक बार फिर 300 पार’ का नारा दे बीजेपी के लिए चुनावों का पहला चरण काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. कल यानी दस फरवरी को पहले चरण में वोटिंग होनी है और 2017 के चुनाव में बीजेपी ने इनमें से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी. सात चरणों में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ जिले की 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी.
इन 58 सीटों पर पिछली बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीट और राष्ट्रीय लोकदल को एक सीट पर जीत मिली थी. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 403 सीटों में से सहयोगियों समेत 325 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि सपा को 47, बसपा को 19 और कांग्रेस को सात सीटें मिली थी. बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) को 9 और सुभासपा को चार सीटों पर जीत मिली थी.
पहले चरण का यह इलाका तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों के प्रभाव वाला इलाका माना जाता है. यहां चुनाव में किसानों के अलावा कैराना से एक समुदाय का कथित पलायन, गन्ना और भगवान कृष्ण के मुद्दे पर जोर आजमाइश के आसार नजर आ रहे हैं. सपा, कांग्रेस और बसपा समेत सभी विपक्षी दलों ने यहां किसानों के मुद्दों का प्राथमिकता दी है. सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार ने गन्ना बहुल इस इलाके के किसानों के बकाया भुगतान के साथ ही कैराना से पलायन समाप्त करने और नोएडा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा समेत क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, 300 कार्यकर्ताओं के साथ इस नेता ने थामा बीजेपी का दामन
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