नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच कई दिनों से जारी तनातनी के बीच दुनिया के कई देश वहां पर अपने काम समेटने में लगे हैं. भारत सरकार ने भी अब यूक्रेन संकट को लेकर एडवायजरी जारी कर दी है. भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को यूक्रेन से लौटने की सलाह दी गई है तो वहीं भारतीयों को अभी कुछ दिनों तक यूक्रेन ना जाने की सलाह भी दी गई है. हालांकि यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास फिलहाल सामान्य रूप से काम काज जारी रखेगा.
दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने आज अपने फेसबुक पोस्ट के जरिव दावा करते हुए कहा कि कल यानी 16 फरवरी को रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला किया जा सकता है. तो वहीं अमेरिका की ओर से भी बिना किसी चेतावनी के रूस की ओर से हमला किए जाने की आशंका जताई है.
रूस ने यूक्रेन को 3 ओर से घेरा
दोनों देशों के बीच सीमा पर लगातार तनाव बरकरार है. रूस ने यूक्रेन की सीमा पर हथियारों और सैनिकों की बड़ी संख्या को तैनात कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यूक्रेन की सीमा पर 1.3 लाख सैनिकों की तैनाती की गई है. साथ ही रूस ने टैंक, भारी हथियार और मिसाइलों को भी यूक्रेन की ओर तैनात कर दिया है. रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर लिया है.
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति में ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी है और इस मुद्दे के कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है. व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम संकट को कम करने के लिए एक राजनयिक समाधान तक पहुंचने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. सप्ताहांत में बाइडन ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात की और हम अपने सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ पूर्ण समन्वय में रूस की सरकार के साथ जुड़े हुए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर रूस इस मुद्दे पर रचनात्मक रुख का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध है. हालांकि, हम रूस द्वारा जमीन पर उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए इस बात की संभावनाओं को लेकर स्पष्ट हैं. बाइडन ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से संपर्क किया.’
व्हाइट हाउस ने इस बातचीत का ब्योरा देते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन और रूस के साथ अपने हालिया राजनयिक संबंधों पर चर्चा की. उन्होंने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के निरंतर सैन्य जमावड़े के जवाब में चल रहे राजनयिक और कूटनीतिक प्रयासों की भी समीक्षा की और यूक्रेन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की. व्हाइट हाउस ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने नाटो के पूर्वी हिस्से पर रक्षात्मक मुद्रा को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की और सहयोगियों एवं भागीदारों के बीच निरंतर घनिष्ठ समन्वय को रेखांकित किया, जिसमें हमले की स्थिति में रूस पर गंभीर परिणाम थोपने की तत्परता भी शामिल है.’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सोगरिया-नई दिल्ली एक्सप्रेस की उदघाटन ट्रिप को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिखाई हरी झंडी
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