ओ माय गॉड! गुजरातमां 'नशा' सन? पोटली में बंद शराब का सच बाहर कैसे आ गया?

ओ माय गॉड! गुजरातमां

प्रेषित समय :21:51:22 PM / Tue, Jul 26th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 अक्टूबर 2019 को जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्यक्रम में कहा था कि- शराबबंदी से कोई फायदा नहीं होता. गुजरात में शराबबंदी है, मगर घर-घर में शराब मिलती है. इसके बाद गुजरात के तब के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पलटवार किया था कि गहलोत ने ऐसा कहकर साढ़े छह करोड़ गुजरातियों का अपमान किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए?
तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना था कि- विजय रुपाणी सिद्ध कर दें कि गुजरात में शराब आसानी से नहीं मिलती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर वहां शराब आसानी से मिल जाने की बात साबित हो जाए तो रुपाणी राजनीति छोड़ दें!
गुजरात में आजादी के बाद से शराबबंदी है, मगर किसी से पूछ लीजिए वहां आसानी से शराब मिल जाती है, यह बात गुजरात के लोग जानते हैं, चाहे वे शराब पीते हों या फिर नहीं पीते हों.
सीएम गहलोत के दावे में दम, गुजरात में सैद्धान्तिक शराबबंदी, प्रायोगिक हालात एकदम अलग!
पल-पल इंडिया (11/10/2019) .... राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात में शराबबंदी को लेकर गुजरात सरकार को लगातार आईना दिखा रहे हैं. हकीकत यही है कि गुजरात में सैद्धान्तिक शराबबंदी है, लेकिन प्रायोगिक हालात एकदम अलग हैं. वहां शराब तो मिलती ही है, एक तरह का अलग शराब-पर्यटन भी विकसित हो गया है, जिसके लिए शराब-प्रेमी गुजरात सीमा पार करके पड़ोसी राज्यों के उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर (राजस्थान), मुंबई (महाराष्ट्र), दमन जैसी जगहों पर चले जाते हैं.
कुछ दिनों से शराबबंदी को लेकर गुजरात और राजस्थान के मुख्यमंत्री आपस में जमकर बयानबाजी कर रहे हैं.
इधर, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को इसी संदर्भ में चुनौती दे डाली है कि अगर गुजरात में शराब नहीं मिलती है तो वे राजनीति छोड़ देंगे और अगर शराब मिल जाए तो रुपाणी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए.
याद रहे, इस 5 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के कार्यक्रम में कहा था कि- शराबबंदी से कोई फायदा नहीं होता. गुजरात में शराबबंदी है, मगर घर-घर में शराब मिलती है. इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पलटवार किया था कि गहलोत ने ऐसा कहकर साढ़े छह करोड़ गुजरातियों का अपमान किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि विजय रुपाणी सिद्ध कर दें कि गुजरात में शराब आसानी से नहीं मिलती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और अगर वहां शराब आसानी से मिल जाने की बात साबित हो जाए तो रुपाणी राजनीति छोड़ दें. गुजरात में आजादी के बाद से शराबबंदी है, मगर किसी से पूछ लीजिए वहां आसानी से शराब मिल जाती है, यह बात गुजरात के लोग जानते हैं, चाहे वे शराब पीते हों या फिर नहीं पीते हों.
सीएम गहलोत का तो यह भी कहना है कि- सीएम रुपाणी बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और गुजरात में ज्यादातर लोग जानते हैं कि पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी गुजरात में होती है. इसकी जांच के लिए उन्हें एमपी, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों के साथ समन्वय करना चाहिए था.
गुजरात के सीएम को पड़ोसी राज्यों से एक प्रभावी संयुक्त योजना तैयार करने का अनुरोध करना चाहिए, ताकि शराब की तस्करी रुक सके, क्योंकि पंजाब के सीएम पंजाब में ड्रग्स की तस्करी रोकने के संबंध में ऐसा करते रहे हैं.
लेकिन, गुजरात सरकार और रूपानी ने कभी इस बारे में बात नहीं की. उन्होंने कभी भी पड़ोसी राज्यों से सहयोग नहीं मांगा, ताकि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध सख्ती से लागू हो सके! 
गुजरात में दारूबंदी- कितनी हकीकत? कितना फसाना?
पल-पल इंडिया (13/5/2022) .... गुजरात में दारूबंदी- नो पार्किंग जैसी हालत में है, बोले तो.... केवल दिखाने को है, बाकी तो पब्लिक है, सब जानती है?
जो स्मार्ट हैं, वे वहीं मैनेज कर लेते हैं और जो शरमाते हैं, वे दमन चले जाते हैं, उदयपुर, डूंगरपुर आ जाते हैं?
बड़ा सवाल यह है कि दारूबंदी का उद्देश्य क्या है? क्या यही कि गुजरात के एरिए में दारू नहीं पीएं, बाकी तो.... जाए बद्धा तेल लेवा जलसा कर?
गुजरात में शराबबंदी किस हाल में है? यहां देखें....
https://www.divyabhaskar.co.in/local/gujarat/vadodara/news/chhota-udepur-bjp-president-rashmikant-vasava-indecent-behavior-with-women-minister-in-chhota-udepur-130097160.html?media=1
Ashok Gehlot @ashokgehlot51
गुजरात में जहरीली शराब पीने से 24 लोगों की मृत्यु दुखद है. मुख्यमंत्री एवं कैबिनेट बदलने से गुजरात की बदहाल हो चुकी व्यवस्था नहीं बदली है. शराबबंदी के बावजूद गुजरात में ऐसी घटना होना दिखाता है कि शराब माफिया और सरकार में उच्च स्तर पर सांठगांठ हैं!
Devendra Bhatnagar @DevendraBhatn10
सरकार, अब ये दावा करना बंद करिए कि गुजरात में शराबबंदी है!
कभी ज़िला अध्यक्ष लड़खड़ाते मिल रहे, कभी गाड़ियों से शराब पकड़ा रही और अब ये लट्ठाकांड....
https://twitter.com/DevendraBhatn10/status/1551766193714802688/photo/1
Rohan Gupta @rohanrgupta
भाजपा सरकार ने नशाबंदी को भी जुमला  बना दिया है?
शराब माफिया सत्ता के संरक्षण में पल कर लोगों की जान ले रहे हैं!
https://twitter.com/i/status/1551792473000796162
News24 @news24tvchannel
गुजरात में ज़हरीले शराब कांड में अब तक 32 लोगों की मौत, 45 लोगों की हालत बेहद गंभीर!
गांव के सरपंच 'जिगर' ने बताया - पुलिस ने उसकी लगातार की गई शिकायतों पर कार्रवाई की होती तो इन मौतों को रोका जा सकता था?
https://twitter.com/i/status/1551920535780880384
Jignesh Mevani @jigneshmevani80
गुजरात की भाजपा सरकार, पुलिस और बुटलेगर्स की सांठगांठ से गुजरात के हर जिले और तहसील में खुलेआम शराब बिक्री हो रही है, जांच के लिए SIT का गठन किया गया है, दिखावे के लिए कुछ कांस्टेबलों को सस्पेंड किया जायेगा, सरकार और आईपीएस जिनके आशीर्वाद से सब चल रहा है, उनको कुछ नहीं होना है!
https://twitter.com/i/status/1551872769562136576
ओ माय गॉड! पत्रकारों की ऐसी हालत?  
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1522616042341937153
https://twitter.com/i/status/1522535756111093765

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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