भोपाल. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया. अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया. इस दौरान विपक्ष की ओर से कई बार हंगामे के हालात बने, आखिर में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से सदन में गिर गया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में तत्कालीन कांग्रेस सरकार और कमलनाथ पर कई बार निशाना साधा. सीएम ने कहा कि कल कमलनाथ जी भी सदन में नहीं थे. अविश्वास प्रस्ताव जब गोविंद सिंह लाए सबसे सहमति से लाए या अकेले लाए? कमलनाथ पीसीसी चीफ हैं कल वो विदिशा जिले में थे. उनका वीडियो आया है. कह रहे हैं सदन कल तक ही है, क्योंकि बीजेपी वालों को कैलाश जी के यहां शादी में जाना है. ये बात सही है पर सदन लोकतंत्र का मंदिर है हम रिश्ता छोड़कर भी परंपरा निभाते हैं, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कमलनाथ जी कहां हैं? ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने कभी नहीं देखा. कांग्रेस में कौन किस पर विश्वास करता है यही पता नहीं रहता.
सीएम ने कहा कांग्रेस ने अपनी सरकार में पाँच महापाप किए थे, आज मैं गिनाना चाहता हूं. भ्रष्टाचार का लोकव्यापी करण किया गया. पहली बार हुआ कि कलेक्टर एसपी के ट्रांसफर में भी पैसे लिए गए. हालत ये थे कि कौन कितने देने वाला है? पदों की बंदरबांट की गई. वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बना दिया था. सिंचाई परियोजना में करोड़ों का घोटाला किया गया. ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया.
उन्होंने कहा कि निर्दोषों पर कार्रवाई की गई. इनकी सरकार आते ही चुन-चुन कर बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया गया. नरोत्तम जी के रिश्तेदार, भूपेंद्र जी, संजय पाठक किसी को नहीं छोड़ रहे थे. मैं जब सीएम बना था तो मार्गदर्शन लेने दिग्विजय सिंह के पास गया था. मैंने मानवीय गरिमा का हमेशा ख्याला रखा, लेकिन द्वेष की शुरुआत आपकी (कमलनाथ) की सरकार में शुरू हुआ.
सीएम चौहान ने कहा कि योजनाओं को बंद करने का काम किया गया. पोषण भत्ते के नाम पर आदिवासियों को एक हजार रूपए देने का काम किया था. क्या हमने ये काम गलत किया था? इन्होंने संबल योजना बंद कर दी. 67 लाख लोगों के नाम काट दिए. मेरिट में आने वाले बच्चों को लैपटॉप देना बंद कर दिया. पंचायतों का पैसा रोक दिया गया. फसल बीमा योजना के प्रीमियम की राशि भी नहीं भरी. जलजीवन मिशन योजना शुरू नहीं की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने पीएम आवास योजना में कटौती की, 2 लाख से ज्यादा मकान वापस कर दिए, गरीब मकान से वंचित हुए. किसान सम्मान निधि की पूरी सूची भी नहीं दी. सत्ता का अहंकार किया. सरकार हमने नहीं गिराई, आपके अहंकार से गिरी. कोई मेहरबानी से नहीं आया हमने जनादेश हासिल किया. सीएम ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों के जीत का अंतर गिनवाया. जनादेश हासिल करके हमने सरकार बनाई.
शिवराज सिंह ने कहा कि केवल आरोप लगाने का काम न करें विपक्ष. मैं विपक्ष के आरोप पत्र को सिरे से खारिज करता हूं, इसमें कोई दम नहीं है. सीएम के संबोधन के बाद आखिर में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार किया गया और विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के रीवा में स्कूली बच्चों से भरी पिकअप गाड़ी में बस ने मारी टक्कर, एक मौत, 20 घायल
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